Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीSupreme Court Gives Final Chance to Bihar Government Over Safety Concerns Regarding Bridges

बिहार के ध्यानार्थ::::: पुलों के ढहने पर बिहार को जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका

- चार माह में जवाब नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट सख्त -

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 18 Nov 2024 08:03 PM
share Share

- चार माह में जवाब नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट सख्त - सुरक्षा चिंताओं को लेकर एनएचएआई को भी नोटिस

नई दिल्ली, एजेंसी।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार सरकार को एक जनहित याचिका पर जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया। याचिका में हाल के दिनों में ऐसी घटनाओं को लेकर सुरक्षा और पुलों की आयु पर चिंता जताई गई है।

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने वकील ब्रजेश सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से भी जवाब मांगा। कोर्ट ने इस तथ्य पर भी विचार किया कि इस जनहित याचिका पर विभिन्न अधिकारियों को इस साल 29 जुलाई को नोटिस जारी किए गए थे। पीठ ने कहा कि बिहार सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया जाता है। यह अंतिम मौका है। पीठ ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता को अधिकारियों द्वारा जवाब दाखिल करने के चार सप्ताह बाद अपना प्रत्युत्तर दाखिल करना होगा। पीठ ने अब याचिका पर सुनवाई के लिए 15 फरवरी, 2025 की तारीख तय की है। इससे पहले, याचिकाकर्ता ने बिहार में पुलों की खस्ता हालत को उजागर करने के लिए विभिन्न समाचार रिपोर्टों और अतिरिक्त दस्तावेजों को रिकॉर्ड पर लाने की अनुमति मांगते हुए अदालत का रुख किया था। इसके बाद याचिकाकर्ता ने 14 नवंबर को अपनी लंबित जनहित याचिकाओं में एक अंतरिम आवेदन दायर किया, जिसमें राज्य में पुलों की खराब स्थिति से संबंधित 15 समाचार रिपोर्टों को रिकॉर्ड पर लाने की मांग की गई। उन्होंने नालंदा जिले में हुई एक हालिया घटना का जिक्र किया, जहां एक 18 वर्षीय लड़के की जीर्ण-शीर्ण पुल से नदी में गिरने से मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि जुलाई में शीर्ष अदालत द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बावजूद सरकार और एनएचएआई ने अपना जवाब दाखिल नहीं किया है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें