आदेश के बाद भी मामले की सूचीबद्ध नहीं किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी रजिस्ट्री से मांगा स्पष्टीकरण
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश के बाद भी मामले को सूचीबद्ध नहीं किए जाने पर नाराजगी जाहिर की है। जस्टिस अभय ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने रजिस्ट्री से स्पष्टीकरण मांगा है। संपत्ति विवाद से जुड़े...
नई दिल्ली। विशेष संवाददाता आदेश के बाद भी मामले को सुनवाई के लिए तय तारीख पर सूचीबद्ध नहीं किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। शीर्ष अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए अपने रजिस्ट्री से स्पष्टीकरण मांगा है। इससे पहले भी, सुप्रीम कोर्ट ने कई बार आदेश के बाद भी मामले को सूचीबद्ध नहीं किए जाने पर अपनी रजिस्ट्री को हिदायत दी थी।
जस्टिस अभय ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा है कि ‘अदालत द्वारा किसी मामले की किसी खास तारीख पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के स्पष्ट आदेश के बाद भी यदि उस तारीख पर मामला सूचीबद्ध नहीं होता है तो रजिस्ट्री को इसके लिए उचित कारण बताना चाहिए। पीठ ने रजिस्ट्री से यह स्पष्टीकरण तब मांगा, जब संपत्ति विवाद से जुड़े मामले में पेश अधिवक्ता ने ध्यान दिलाया कि मामले को सुनवाई के लिए आज सूचीबद्ध करने का विशेष निर्देश दिया गया था, लेकिन रजिस्ट्री ने उसे सूचीबद्ध नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त को संबंधित मामले को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया था, लेकिन इसे सूचीबद्ध नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री को यह बताना चाहिए कि अदालत के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया। साथ ही कहा है कि रजिस्ट्रार (न्यायिक लिस्टिंग) को इस चूक पर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही, शीर्ष अदालत ने संपत्ति विवाद से जुड़े इस मामले को सुनवाई के लिए 6 सितंबर, 2024 को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है।
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