Hindi NewsNcr NewsDelhi NewsSupreme Court Criticizes ED s Treatment of Congress Leader in Money Laundering Case

कांग्रेस नेता से लगातार करीब 15 घंटे तक ईडी की पूछताछ को सुप्रीम कोर्ट ने बताया मनमाना और अमानवीय

सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन मामले में हरियाणा के कांग्रेस नेता सुरेंद्र पंवार से 15 घंटे की पूछताछ के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के रवैये को 'मनमाना' और 'अमानवीय' करार दिया। कोर्ट ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 3 Jan 2025 08:06 PM
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नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन मामले में हरियाणा के कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक से लगभग 15 घंटे तक पूछताछ के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों द्वारा अपनाए गए रवैये को ‘मनमाना और ‘अमानवीय करार दिया। शीर्ष अदालत ने मामले में ईडी द्वारा कांग्रेस नेता सुरेंद्र पंवार की गिरफ्तारी को अवैध ठहराने के उच्च न्यायालय के फैसले को बहाल रखते हुए यह टिप्पणी की है।

जस्टिस अभय एस. ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि ‘मामले में ईडी अधिकारियों द्वारा अपनाया गया रवैया ‘अमानवीय आचरण को दर्शाना है क्योंकि यह मामला किसी आतंकवादी गतिविधि से संबंधित नहीं है बल्कि कथित अवैध रेत खनन से जुड़ा है। शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ ईडी की अपील को खारिज करते हुए कहा है कि ‘इस तरह के मामले में लोगों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। पीठ ने कहा कि ईडी के अधिकारियों ने एक व्यक्ति को बयान देने के लिए वास्तव में मजबूर किया है। पीठ ने कहा है कि हम उच्च न्यायालय के इस निष्कर्ष में किसी भी तरह से हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं कि प्रतिवादी यानी कांग्रेस नेता पंवार की गिरफ्तारी अवैध थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2 जनवरी को पारित अपने फैसले में कहा है कि ‘ये निष्कर्ष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धारा 44 के तहत लंबित शिकायत के गुण-दोष को प्रभावित नहीं करेंगे। फैसले में कहा गया है कि तथ्यों से जाहिर होता है कि मामले की जांच में ईडी अधिकारियों का रवैया चौंकाने वाला है, जिसके तहत एक व्यक्ति को बयान देने के लिए वस्तुतः मजबूर किया गया। पीठ ने ईडी की उन दलीलों को सिरे से ठुकरा दिया, जिसमें कहा गया कि उच्च न्यायालय ने यह गलत निष्कर्ष निकाला कि पंवार से लगातार 14 घंटे 40 मिनट तक पूछताछ की गई। उन्होंने पूछताछ के दौरान रात्रि भोजन के ब्रेक की ओर इशारा किया। वकील ने पीठ को बताया कि ईडी ने 2024 के एक परिपत्र में अपने अधिकारियों से पूछताछ के कुछ निश्चित मानक बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने को कहा था कि आरोपियों से देर रात और तड़के पूछताछ न की जाए।

ईडी ने उच्च न्यायालय ने 29 सितंबर, 2024 के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस नेता पंवार की गिरफ्तारी के आधार के अनुसार, याचिकाकर्ता के खिलाफ प्राथमिक रूप से आरोप अवैध खनन या अवैध रूप से खनन की गई सामग्री की आपूर्ति से संबंधित हैं। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा था कि खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 (एमएमडीआर अधिनियम) की धारा 21 के तहत अवैध खनन बेशक एक अपराध है लेकिन न तो अवैध खनन और न ही एमएमडीआर अधिनियम को पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के साथ संलग्न अनुसूची में शामिल किया गया है। उच्च न्यायालय ने कहा था कि अवैध खनन पीएमएलए के तहत अनुसूचित अपराध नहीं है। इसलिए प्रथम दृष्टया, याचिकाकर्ता पर इस आधार पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।

ईडी ने हरियाणा के पूर्व विधायक पंवार को 20 जुलाई, 2024 को तड़के गुरुग्राम में हिरासत में लिया गया और अंबाला में एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उन्हें अवैध खनन से जुड़े धन शोधन मामले में 29 जुलाई, 2024 तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था। हालांकि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी को अवैध घोषित कर दिया था।

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