अस्पतलों में इलाज की दरें तय करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर नोटिस जारी
सुप्रीम कोर्ट ने अस्पतालों और नर्सिंग होम्स द्वारा इलाज की दरें तय करने के नियमों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है। याचिका में 2012 के क्लीनिकल प्रतिष्ठान नियमों की...
नई दिल्ली। विशेष संवाददाता अस्पतालों, नर्सिंग होम्स और क्लीनिकल प्रतिष्ठानों द्वारा इलाज (प्रक्रियाओं और सेवाओं) के लिए दरें तय करने के लिए बनाए गए नियमों की संवैधानिकता चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरवार को नोटिस जारी कर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में क्लीनिकल प्रतिष्ठान (केंद्र सरकार) नियम, 2012 के नियम 9 (ii) की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने याचिका पर नोटिस करते हुए केंद्र व अन्य संबंधित पक्षकारों से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट में एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (इंडिया) की ओर से क्लीनिकल प्रतिष्ठान (केंद्र सरकार) नियम, 2012 के नियम 9 (ii) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि क्लीनिकल प्रतिष्ठान (केंद्र सरकार) नियम, 2012 के नियम 9(ii), अपने मूल अधिनियम क्लीनिकल प्रतिष्ठान अधिनियम, 2010 के खिलाफ है। याचिका में कहा गया है कि मूल्य नियंत्रण करने के लिए बनाए गए इस कानून को संसद या किसी राज्य विधानमंडल द्वारा मंजूरी नहीं दी गई है। याचिका में कहा गया है कि कानून का यह स्थापित सिद्धांत है कि नियम कानून के दायरे से बाहर नहीं जा सकते। याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से कहा कि चिकित्सा प्रक्रियाओं में बढ़ती तकनीकी प्रगति के चलते शल्य चिकित्सा और प्रत्यारोपण में बढ़ते निवेश को देखते हुए एक निश्चित दरों पर इलाज व नैदानिक सेवा देना मुश्किल हो जाता है। इसलिए इलाज की दरें तय करना, चिकित्सा प्रगति को अपनाने में बाधा बन सकती है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।