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Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीSupreme Court Challenges Constitutionality of Clinical Establishment Rules on Treatment Pricing

अस्पतलों में इलाज की दरें तय करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर नोटिस जारी

सुप्रीम कोर्ट ने अस्पतालों और नर्सिंग होम्स द्वारा इलाज की दरें तय करने के नियमों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है। याचिका में 2012 के क्लीनिकल प्रतिष्ठान नियमों की...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 19 Sep 2024 02:38 PM
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नई दिल्ली। विशेष संवाददाता अस्पतालों, नर्सिंग होम्स और क्लीनिकल प्रतिष्ठानों द्वारा इलाज (प्रक्रियाओं और सेवाओं) के लिए दरें तय करने के लिए बनाए गए नियमों की संवैधानिकता चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरवार को नोटिस जारी कर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में क्लीनिकल प्रतिष्ठान (केंद्र सरकार) नियम, 2012 के नियम 9 (ii) की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने याचिका पर नोटिस करते हुए केंद्र व अन्य संबंधित पक्षकारों से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट में एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (इंडिया) की ओर से क्लीनिकल प्रतिष्ठान (केंद्र सरकार) नियम, 2012 के नियम 9 (ii) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि क्लीनिकल प्रतिष्ठान (केंद्र सरकार) नियम, 2012 के नियम 9(ii), अपने मूल अधिनियम क्लीनिकल प्रतिष्ठान अधिनियम, 2010 के खिलाफ है। याचिका में कहा गया है कि मूल्य नियंत्रण करने के लिए बनाए गए इस कानून को संसद या किसी राज्य विधानमंडल द्वारा मंजूरी नहीं दी गई है। याचिका में कहा गया है कि कानून का यह स्थापित सिद्धांत है कि नियम कानून के दायरे से बाहर नहीं जा सकते। याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से कहा कि चिकित्सा प्रक्रियाओं में बढ़ती तकनीकी प्रगति के चलते शल्य चिकित्सा और प्रत्यारोपण में बढ़ते निवेश को देखते हुए एक निश्चित दरों पर इलाज व नैदानिक सेवा देना मुश्किल हो जाता है। इसलिए इलाज की दरें तय करना, चिकित्सा प्रगति को अपनाने में बाधा बन सकती है।

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