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संघ की दशा बदली है, दिशा नहीं बदलनी चाहिए: भागवत

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दिल्ली में केशव कुंज के पुनर्निर्मित भवन के प्रवेशोत्सव पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि संघ की दिशा में बदलाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने संघ के कार्यों के विस्तार...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 20 Feb 2025 01:07 AM
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संघ की दशा बदली है, दिशा नहीं बदलनी चाहिए: भागवत

- आरएसएस के नई दिल्ली स्थित नए कार्यालय के प्रवेशोत्सव पर संघ प्रमुख ने कार्यकर्ताओं को दिया संदेश नई दिल्ली, एजेंसी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बुधवार को झंडेवालान स्थित ‘केशव कुंज में पुनर्निर्मित भवन के प्रवेशोत्सव मौके पर कहा कि आज संघ की दशा बदली है, लेकिन दिशा नहीं बदलनी चाहिए। विभिन्न आयामों के माध्यम से संघ का कार्य विस्तृत हो रहा है। इसलिए अपेक्षा है कि संघ के स्वयंसेवक के व्यवहार में सामर्थ्य, शुचिता बनी रहे।

कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, ‘देश में संघ का कार्य गति पकड़ रहा है, व्यापक हो रहा है। आज जिस पुनर्निर्मित भवन का यह प्रवेशोत्सव है, उसकी भव्यता के अनुरूप ही हमें संघ कार्य का स्वरूप भव्य बनाना है और हमारे कार्य से उसकी अनुभूति होनी चाहिए। यह कार्य पूरे विश्व तक जाएगा और भारत को विश्वगुरु के पद पर आसीन करेगा, ऐसा हमें पूर्ण विश्वास है।

भागवत ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि केशव स्मारक समिति का यह पुनर्निर्मित भवन भव्य है, इसकी भव्यता के अनुरूप ही कार्य खड़ा करना होगा। इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा, दत्तात्रेय होसबाले समेत पार्टी के कई नेता और आरएसएस के पदाधिकारीगण मौजूद थे।

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150 करोड़ रुपये की लागत से बना है नवनिर्मित कार्यालय केशव कुंज

- 13 मंजिला तीन टावरों वाले भवन में लगभग 300 कमरे और दफ्तर होंगे

नवनिर्मित कार्यालय केशव कुंज का निर्माण लगभग 150 करोड़ रुपये की लागत से आठ वर्षों में किया गया है। सूत्रों के अनुसार, लगभग 300 कमरों और कार्यालयों वाले 13 मंजिला तीन टावरों को आरएसएस की विचारधारा और उसके काम के प्रति सहानुभूति रखने वाले 75,000 से अधिक लोगों के योगदान से बनाया गया था। आरएसएस का दिल्ली कार्यालय और उससे जुड़े कुछ संगठन पिछले कुछ महीनों में धीरे-धीरे नए बहुमंजिला परिसर में स्थानांतरित हो गए हैं। आरएसएस 2016 से एक किराए के परिसर में अपनी गतिविधियों का संचालन कर रहा था। झंडेवालान स्थित कार्यालय से संघ 1962 से काम कर रहा है।

अशोक सिंघल के नाम पर सभागार

तीन टावरों (भूतल और 12 मंजिल) के नाम साधना, प्रेरणा और अर्चना हैं। इसके सबसे बड़े सभागारों में से एक का नाम विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के एक प्रमुख पदाधिकारी अशोक सिंघल के नाम पर रखा गया है। सिंघल राम मंदिर आंदोलन से करीब से जुड़े हुए थे। इस आधुनिक सभागार में 463 व्यक्ति बैठ सकते हैं। एक अन्य हॉल में 650 लोग बैठ सकते हैं। आरएसएस कार्यालय में एक पुस्तकालय, स्वास्थ्य क्लीनिक और एक सीवेज ट्रीटमेंट संयंत्र के अलावा अपने पदाधिकारियों और सदस्यों के लिए आवास सुविधाएं हैं। इसकी कुल बिजली जरूरतों का एक हिस्सा प्रदान करने के लिए इसमें सौर ऊर्जा सुविधाएं भी हैं।

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