अपने खिलाफ युद्ध छेड़ने वालों की भी मदद करता है भारत : भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत पहले हमला नहीं करता और न ही हमले को सहन करता है। उन्होंने बताया कि कारगिल युद्ध में, भारत ने कार्रवाई नहीं की थी, बल्कि केवल सीमाओं के भीतर...
- कहा, हम पहले हमला नहीं करते और न ही अपने ऊपर हमला बर्दाश्त करते हैं सूरत, एजेंसी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि हमारे पूर्वजों द्वारा निर्धारित किए गए सिद्धांतों के कारण भारत उन देशों की भी मदद करता है, जिन्होंने कभी उसके खिलाफ युद्ध छेड़ा था।
भागवत ने कहा कि 1999 में कारगिल में पाकिस्तान के दुस्साहस का जवाब देने का विकल्प भारत के पास था, लेकिन उस समय की सरकार ने सेना को हमला करने के लिए सीमा पार न करने का निर्देश दिया था। सेना को केवल उन लोगों को निशाना बनाने का निर्देश था जो हमारी सीमा के भीतर थे। सूरत में जैन समुदाय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि हम पहले हमले शुरू नहीं करते और न ही हम अपने ऊपर कोई हमला बर्दाश्त करते हैं। पाकिस्तान के अंदर सर्जिकल और एयर स्ट्राइक का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने यह सुनिश्चित किया था कि केवल उपद्रवी तत्वों को ही निशाना बनाया जाए। संघ प्रमुख ने कहा कि जब हमने उनके घर में हमला किया तो हमने पूरे पाकिस्तान को निशाना नहीं बनाया। केवल उन पर हमला किया जो हमारे लिए परेशानी पैदा कर रहे थे।
हर समस्या का समाधान कर देंगे
भागवत ने कहा कि भारत के लोग अंततः हर समस्या का समाधान कर देंगे। आज, कई लोग मौजूदा स्थिति के कारण भविष्य को लेकर चिंतित हैं, लेकिन डरने की कोई जरूरत नहीं है। हम सभी इन मुद्दों को सुलझा लेंगे।
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