खेल : बांग्लादेश के लिए अलग रणनीति बनाने की जरूरत नहीं : रोहित
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि हर टीम भारत को हराना चाहती है, लेकिन उनका ध्यान मैच जीतने पर है। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ नई रणनीति की जरूरत को खारिज किया और तेज गेंदबाज नाहिद राना की मौजूदगी...
शोल्डर : भारतीय कप्तान ने कहा- हर टीम भारत को हराना चाहती है पर हमारा काम यह सोचना है कि हम कैसे विजय पताका फहराएं चेन्नई, एजेंसी। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान पर हाल ही में मिली शानदार जीत और मेहमान टीम में तेज गेंदबाज नाहिद राना की मौजूदगी के बावजूद बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में नई रणनीति बनाने की जरूरत नहीं है। बांग्लादेश ने टेस्ट सीरीज में 2-0 की जीत के दौरान पाकिस्तान को पहली बार हराया लेकिन रोहित ने इसे ज्यादा तवज्जो नहीं दी।
रोहित ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, हर टीम भारत को हराना चाहती है। उन्हें इस पर गर्व होता है। उन्हें मजे करने दीजिए। हमारा काम यह सोचना है कि मैच कैसे जीते जाएं। हम इस बारे में नहीं सोचते कि विरोधी टीम हमारे बारे में क्या सोच रही है। भारत ने दुनिया की लगभग हर शीर्ष टीम के खिलाफ क्रिकेट खेला है। इसलिए पूरी तरह से अलग रणनीति बनाने की जरूरत नहीं है।
राना नहीं अपने खेल पर ध्यान : उन्होंने तेज गेंदबाज राना को लेकर भी चिंतित नहीं हैं जो आराम से 150 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं। लेकिन किसी एक खिलाड़ी की जगह उनका ध्यान पूरी बांग्लादेश टीम पर है। रोहित ने कहा, देखिए टीम में कुछ नए खिलाड़ी होंगे। लेकिन आप बस उनके बारे में सोच सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं। बांग्लादेश के खिलाफ भी यही योजना होगी, यानी अपने खेल पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
गेंदबाजों का कार्यभार प्रबंधन प्राथमिकता : रोहित ने कहा कि गेंदबाजों, विशेष रूप से पेसरों के कार्यभार का प्रबंधन करना उनके लिए सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी। इस सत्र में कुल 10 टेस्ट होने हैं जिसमें नवंबर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी शामिल है। उन्होंने कहा, आप चाहते हैं कि आपके सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी सभी मैच खेलें लेकिन यह संभव नहीं है क्योंकि बहुत ज्यादा क्रिकेट हो रहा है। यह सिर्फ टेस्ट क्रिकेट नहीं है, टेस्ट सीरीज के बीच में टी-20 क्रिकेट भी हो रहा है। इसलिए आपको अपने गेंदबाजों का इसके हिसाब से प्रबंधन करना होगा। हमने कुछ योजनाएं बनाई हैं कि हम इन गेंदबाजों का प्रबंधन कैसे करेंगे।
युवा प्रतिभाओं को संभालना होगा : रोहित और टीम प्रबंधन को शीर्ष स्तर की क्रिकेट में शुरुआती सफलता हासिल करने वाले यशस्वी, सरफराज और ध्रुव जुरेल जैसी कुछ युवा प्रतिभाओं को भी संभाल कर रखना होगा। ये युवा खिलाड़ी परिपक्व हैं। ईमानदारी से कहूं तो हमें उन्हें काफी कुछ बताने की जरूरत नहीं है। यशस्वी, जुरेल, सरफराज, सभी.... हमने झलक देखी कि वे क्या कर सकते हैं। इसलिए उनके पास वह सब कुछ है जो भारत के लिए तीनों प्रारूपों में शीर्ष खिलाड़ी बनने के लिए जरूरी है। इन खिलाड़ियों के निडर और जिम्मेदार रवैये ने टीम प्रबंधन का काम आसान कर दिया।
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नंबर गेम
-2 टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला कल से शुरू होगा
-10 टेस्ट इस सत्र में टीम इंडिया को खेलने हैं। इसमें पांच ऑस्ट्रेलियाई के खिलाफ
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बाक्स
नए कोचिंग स्टाफ की शैली द्रविड़ की तुलना में अलग
रोहित ने मंगलवार को कहा कि मुख्य कोच गौतम गंभीर की शैली उनके पूर्ववर्ती राहुल द्रविड़ से अलग है लेकिन नए कोच के साथ उनका तालमेल अच्छा है। विश्व कप विजेता पूर्व सलामी बल्लेबाज गंभीर ने जुलाई में श्रीलंका के सीमित ओवर के दौरों से भारतीय टीम की कमान संभाली थी। बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ और गेंदबाजी को महाम्ब्रे की जगह क्रमश: अभिषेक नायर (सहायक कोच) और दक्षिण अफ्रीका के मोर्ने मोर्कल ने ले ली है। नीदरलैंड्स के पूर्व हरफमौला रियान टेन डोएशे भी टीम के साथ सहायक कोच के तौर पर जुड़े हैं। रोहित ने कहा, जाहिर तौर पर राहुल भाई, राठौड़ और महाम्ब्रे एक अलग टीम थे। हमें पता है कि नया सहयोगी स्टाफ अलग दृष्टिकोण लाएगा। श्रीलंका में हमने (नए स्टाफ के साथ) जो मैच खेले, वे चीजों को समझते हैं और उन्हें तालमेल बैठाने में कोई परेशानी नहीं है। वह टीम के माहौल में ढलने लगे हैं। यह निश्चित रूप से एक नया (सहायक) स्टाफ है, लेकिन मैं गौतम और नायर को काफी लंबे समय से जानता हूं। हर किसी की काम करने की अपनी शैली होती है और हम पहले से इस बात को समझते हैं।
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