Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीNHAI Plans to Hire Retired Officials as Experts to Streamline Highway Projects

एनएचएआई में शामिल होंगे सेवानिवृत्त तहसीलदार और इंजीनियर

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) राज्य सरकार से सेवानिवृत्त तहसीलदारों, अमीन, विद्युत अभियंता और वन अधिकारियों की विशेषज्ञ भर्ती करने की योजना बना रहा है। इससे भूमि अधिग्रहण और वन विभाग...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 6 Sep 2024 02:40 PM
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नई दिल्ली, अरविंद सिंह। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) राज्य सरकार से सेवानिवृत्त तहसीलदारों, अमीन, विद्युत अभियंता और वन अधिकारियों की बतौर विशेषज्ञ भर्ती करने की योजना बना रहा है। दरअसल, राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के लिए एनएचएआई को राज्य सरकार के उक्त विभागों के संबंधित अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ते हैं। इसमें समय और पैसे की बर्बादी होती है। ऐसे में इस कदम से एनएचएआई को जमीन अधिग्रहण, भूमि रिकॉर्ड और वन विभाग की मंजूरी जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के महानिदेशक (विकास-शोध) डी. सारंगी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने अपनी सिफारिश में उपरोक्त सिफारिश की है। मंत्रालय ने देश में तेजी से बढ़ते राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क, पुल, सुरंग, रोपवे आदि बुनियादी ढांचे की एडवांस प्लानिंग, निगरानी, कार्य आदि के लिए संस्थागत बदलाव करने के सुझाव दिए हैं। इसमें समिति ने देश के बुनियादी ढांचे को उत्तर, पूर्व, पश्चिम, दक्षिण, उत्तर-पूर्व, उत्तर-मध्य व मध्य जोन में विभाजित करने को कहा है। प्रत्येक जोन में एक मुख्य अभियंता इसका मुखिया होगा।

वहीं, समिति ने राज्यों में एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी (आरओ) कार्यालयों में पुल, राष्ट्रीय राजमार्ग, सुरंग, रोपवे आदि के विशेष जोन बनाने की सिफारिश की है। आरओ में बड़े स्तर पर राज्य सरकार के सेवानिवृत्त राजस्व विभाग व वन विभाग के कर्मचारियों-अधिकारियों की तैनाती करने की सिफारिश की है।

यह होगा फायदा

राजमार्ग क्षेत्र के विशेषज्ञों ने बताया, एनएचएआई की 80 फीसदी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं भूमि अधिग्रहण में देरी और वन विभाग की मंजूरी नहीं मिलने के कारण लेट लतीफी का शिकार होती हैं। इससे राजमार्ग परियोजनाएं समय पर पूरी नहीं होती हैं और उनकी लागत बढ़ जाती है। जबकि तहसीलदार, अमीन क्षेत्र की भूमि व रिकॉर्ड से परिचत होते हैं। वन विभाग के अधिकारी राजमार्ग परियोजना की गलत डीपीआर बनने से रोकने में अहम भूमिका निभाएंगे। क्योंकि गलत एलाइनमेंट के कारण परियोजनाओं को वन विभाग की मंजूरी नहीं देता है।

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