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बीसीसीआई-बायजू समझौते पर एक सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश

एनसीएलएटी ने एनसीएलटी को बीसीसीआई और बायजू के बीच समझौते पर एक सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन और जतिन्द्रनाथ स्वैन की पीठ ने दिवालिया मामले को खत्म करने और...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 8 Feb 2025 07:07 PM
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बीसीसीआई-बायजू समझौते पर एक सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश

नई दिल्ली, एजेंसी। अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) को बीसीसीआई और बायजू के बीच समझौते पर एक सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन और न्यायमूर्ति जतिन्द्रनाथ स्वैन वाली दो सदस्यीय पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने एनसीएलटी को निर्देश दिया कि वह बीसीसीआई और बायजू के बीच समझौते और दिवालिया मामले को खत्म करने के लिए एक सप्ताह के भीतर फैसला ले। साथ ही ग्लास ट्रस्ट और आदित्य बिड़ला फाइनेंस को बायजू के ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) में बहाल करने के न्यायाधिकरण के पिछले आदेश के खिलाफ रिजु रवींद्रन द्वारा दायर याचिका का निपटारा करे। हालांकि, एनसीएलएटी की चेन्नई पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने तथ्यों पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

एनसीएलटी की बेंगलुरु पीठ ने 29 जनवरी को फर्म के समाधान पेशेवर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही का निर्देश दिया था और कंपनी की ऋणदाताओं की समिति से ग्लास ट्रस्ट और आदित्य बिड़ला फाइनेंस को बाहर करने के उनके निर्देश को रद्द कर दिया था। एनसीएलटी ने भारतीय दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) को बायजू की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न के समाधान पेशेवर पंकज श्रीवास्तव के खिलाफ जांच करने का निर्देश दिया था। रिजु रविंद्रन ने एनसीएलटी के आदेश को चुनौती दी थी। एनसीएलएटी के समक्ष अपनी याचिका में रिजु रवींद्रन ने कहा कि जब बीसीसीआई के साथ समझौते के कारण सीआईआरपी को वापस लेने का मामला लंबित है, तो एनसीएलटी का पुनर्गठन नहीं किया जाना चाहिए था। रवींद्रन ने तर्क दिया कि सीओसी के गठन से पहले ही बीसीसीआई के साथ समझौता हो गया था।

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