पूर्व सैनिक ग्रेवाल के परिजनों को एक करोड़ मुआवजे को मंजूरी देने पर रोक लगाने की मांग पर जवाब तलब
वन रैंक, वन पेंशन के मसले पर पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल ने की थी खुदकुशी हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल से आठ अगस्त तक मांगा हलफनामा वन रैंक, वन पेंशन के मसले पर खुदकुशी करने वाले...
वन रैंक, वन पेंशन के मसले पर पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल ने की थी खुदकुशी हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल से आठ अगस्त तक मांगा हलफनामावन रैंक, वन पेंशन के मसले पर खुदकुशी करने वाले पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल को शहीद का दर्जा और परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजा को मंजूरी देने पर हाईकोर्ट ने उपराज्यपाल व केजरीवाल सरकार से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर यह आदेश दिया है। याचिका में उपराज्यपाल को सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी देने से रोकने की मांग की गई है।कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की पीठ ने उपराज्यपाल व सरकार को पक्ष रखने के लिए 8 अगस्त तक का वक्त दिया है। उसी दिन मामले की सुनवाई होगी। इससे पहले, सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने पीठ को बताया कि ग्रेवाल को शहीद का दर्जा व उनके परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा प्रशासनिक निर्णय है। अभी इस निर्णय को उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाना है। इस पर पीठ ने कहा कि आपको जो भी कहना है, इस बारे में हलफनामा दाखिल कीजिए। इससे पहले याचिकाकर्ता अवध कौशिक ने पीठ को बताया कि सरकार ने हाल ही में ग्रेवाल को शहीद का दर्जा देने व उनके परिजनों को मुआवजा देने से संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी के लिए उपराज्यपाल को भेजा है। ऐसे में उपराज्यपाल को इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं देने के आदेश दिए जाएं। इससे पहले सीआरपीएफ के सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर पुरन चंद आर्य व अधिवक्ता अवध कौशिक ने इस मामले में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की थी। जिसमें कहा गया था कि जो लोग देश के लिए अपनी जान गंवाते हैं केवल उन्हें ही शहीद का दर्जा दिया जाता है। साथ ही सरकार द्वारा पिछले साल 1 नवंबर को खुदकशी करने वाले पूर्व सैनिक ग्रेवाल के परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को नौकरी के साथ-साथ शहीद का दर्जा दिए जाने की घोषणा को रद्द करने की मांग की थी। अभ इन सभी मामलों की सुनवाई 8 अगस्त को होगी।
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