आबकारी नीति मामला: केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए ईडी को मंजूरी मिली
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गृह मंत्रालय ने आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। केजरीवाल इस समय नई दिल्ली विधानसभा...
गृह मंत्रालय से मंजूरी मिली नई दिल्ली, एजेंसी। गृह मंत्रालय ने आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और ‘आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब पांच फरवरी को दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं।
संघीय एजेंसी ने 56 वर्षीय केजरीवाल को पिछले साल मार्च में गिरफ्तार करने के बाद यहां विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत के समक्ष उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। इस मामले में फिलहाल जमानत पर बाहर केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट से दिल्ली का विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के उपराज्यपाल के माध्यम से दिल्ली आबकारी नीति मामले में केजरीवाल पर धन शोधन निरोधक कानून के तहत मुकदमा चलाने के लिए अनुरोध किया गया था। इस पर गृह मंत्रालय ने हाल में ईडी को जरूरी मंजूरी दे दी है। गृह मंत्रालय इस अनुरोध को मंजूरी देने के लिए सक्षम प्राधिकार है। अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित अन्य आरोपी लोक सेवकों के लिए भी इसी प्रकार की मंजूरी ली गई है। हाईकोर्ट ने नवंबर 2024 में फैसला दिया था कि ईडी को भी सीबीआई की तर्ज पर इस तरह की प्रक्रिया अपनानी होगी।
क्या है मामला
आबकारी मामला दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितता और भ्रष्टाचार से जुड़ा है। इस नीति को रद्द किया जा चुका है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कथित अनियमितताओं की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की थी। इसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया। सीबीआई द्वारा 17 अगस्त 2022 को दर्ज प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए ईडी ने कथित अनियमितताओं की जांच के लिए 22 अगस्त 2022 को धन शोधन का मामला दर्ज किया था।
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मुख्य साजिशकर्ता बताया था
केजरीवाल को उनकी व्यक्तिगत हैसियत के साथ आप के राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते भी आरोपी बनाया गया है। ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री को दिल्ली में आबकारी घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता बताया था। आरोप है कि उन्होंने दिल्ली सरकार के मंत्री, आप नेताओं और अन्य लोगों के साथ मिलीभगत करते हुए इस काम को अंजाम दिया।
इसलिए बनाया गया आरोपी
ईडी ने पहले दावा किया था कि आप एक राजनीतिक दल है। इसे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत भारत के नागरिकों के एक संगठन या निकाय के रूप में परिभाषित किया गया है, इसलिए इसे पीएमएलए की धारा 70 के तहत एक कंपनी के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि अपराध के समय केजरीवाल आप के प्रभारी और जवाबदेह थे, इसलिए उन्हें और उनकी पार्टी को धन शोधन निरोधक कानून के तहत अपराधों का दोषी माना जाएगा तथा उन पर मुकदमा चलाया जाएगा।
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