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गौतम गंभीर मामले में कार्यवाही पर रोक रहेगी : हाईकोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर के खिलाफ धोखाधड़ी मामले में कार्यवाही पर रोक लगाने का आदेश दिया है। सत्र न्यायालय के निर्णय को चुनौती देने वाली गंभीर की याचिका पर अंतरिम आदेश पारित...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 18 Nov 2024 08:37 PM
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नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को आदेश दिया कि पूर्व क्रिकेटर और भारतीय कोच गौतम गंभीर के खिलाफ धोखाधड़ी मामले में कार्यवाही पर रोक रहेगी। न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने सत्र न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली गंभीर की याचिका पर अंतरिम आदेश पारित किया है। दरअसल, सत्र न्यायालय ने एक न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश को खारिज कर दिया था, जिसने गंभीर को उस मामले में आरोपमुक्त कर दिया था। मामले में कुछ फ्लैट खरीदारों के साथ कथित तौर पर धोखाधड़ी की गई थी। गंभीर को राहत देते हुए उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका पर दिल्ली पुलिस से भी जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 31 जनवरी 2025 को होगी। पीठ ने कहा कि इस बीच याचिकाकर्ता के खिलाफ लगाए गए आदेश पर रोक रहेगी। पीठ ने यह भी कहा कि वह एक विस्तृत आदेश पारित करेंगे। गंभीर का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और अधिवक्ता परितोष बुद्धिराजा ने किया। सत्र न्यायालय ने 29 अक्तूबर को अपने आदेश में कहा था कि मजिस्ट्रेट न्यायालय के निर्णय में गंभीर के खिलाफ आरोपों पर निर्णय लेने में अपर्याप्त मानसिक अभिव्यक्ति परिलक्षित होती है। सत्र अदालत ने कहा था कि आरोप गौतम गंभीर की भूमिका की आगे की जांच के भी योग्य है। सत्र न्यायालय ने मामले को मजिस्ट्रेट न्यायालय को वापस भेज दिया था। सत्र अदालत ने मजिस्ट्रेट अदालत को नया आदेश पारित करने का निर्देश दिया था।

यह है मामला

धोखाधड़ी का मामला रियल एस्टेट फर्म रुद्र बिल्डवेल रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, एच आर इंफ्रासिटी प्राइवेट लिमिटेड, यू एम आर्किटेक्चर एंड कॉन्ट्रैक्टर्स लिमिटेड तथा गंभीर के खिलाफ दर्ज किया गया था। गंभीर इन कंपनियों के संयुक्त उद्यम के निदेशक तथा ब्रांड एंबेस्डर थे। आरोपियों ने कथित तौर पर 2011 में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के इंदिरापुरम में सेरा बेला नामक एक आगामी आवासीय परियोजना का संयुक्त रूप से प्रचार तथा विज्ञापन किया था। बाद में इसका नाम 2013 में बदलकर पावो रियल कर दिया गया था।

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