सफेद दाग से पीड़ित सशस्त्र बलों में भर्ती के हकदार नहीं : कोर्ट
दिल्ली उच्च न्यायालय ने विटिलिगो (सफेद दाग) से पीड़ित उम्मीदवारों को सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए अयोग्य ठहराया है। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) में सहायक कमांडेंट की याचिका को खारिज करते हुए...
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक निर्णय में माना है कि विटिलिगो (सफेद दाग) से पीड़ित उम्मीदवार सशस्त्र बलों में भर्ती होने के हकदार नहीं है। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) में सहायक कमांडेंट के लिए उनकी उम्मीदवारी को अस्वीकार करने के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। याचिका में तर्क दिया गया था कि उम्मीदवार विटिलिगो से पीड़ित है, लेकिन यह एक कवर्ड एरिया के अंतर्गत है। ऐसे में वायु सेना में भर्ती करने की अनुमति दी जा सकती है। केन्द्र सरकार के स्थायी वकील आशीष दीक्षित के माध्यम से गृह मंत्रालय और आईटीबीपी ने तर्क दिया कि आईटीबीपी में भर्ती नियमों में विटिलिगो एक विशिष्ट दिव्यांगता है। इसे विज्ञापन में विधिवत अधिसूचित किया गया था। दीक्षित ने आगे तर्क दिया कि गृह मंत्रालय के 2015 के दिशा-निर्देशों में भी विटिलिगो को अस्वीकृति का आधार बताया गया है।
न्यायमूर्ति नवीन चावला एवं न्यायमूर्ति शैलेंद्र कौर की खंडपीठ ने इस तर्क को स्वीकार किया और कहा कि यह स्पष्ट है कि विटिलिगो की बीमारी उम्मीदवारी को खारिज करने का एक पूर्ण कारण है। प्रतिवादी विज्ञापन और उसमें निर्धारित शर्तों का ईमानदारी से पालन करने के लिए बाध्य है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।