पॉलिसी दस्तावेज मांगने वाली जनहित याचिका खारिज
दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के सभी पॉलिसीधारकों को पॉलिसी दस्तावेज उपलब्ध कराने की याचिका को खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि दो-तिहाई पॉलिसीधारकों के दावे तथ्यों के...
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के सभी पॉलिसीधारकों को पॉलिसी दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश देने की याचिका को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश मनमोहन एवं न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की अगुवाई वाली पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि लाभ से वंचित दो-तिहाई पॉलिसीधारकों के दावे तथ्यात्मक आंकड़ों पर नहीं बल्कि धारणाओं पर आधारित हैं। पीठ ने यह भी चेतावनी दी कि याचिका के परिणामस्वरूप अनजाने में धोखाधड़ी वाले दावे हो सकते हैं। याचिका दायर करने वाले कार्यकर्ता आकाश गोयल ने गृह मंत्रालय के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त की कथित निष्क्रियता को चुनौती दी है, क्योंकि उन्होंने देशभर में मृत्यु के आंकड़ों को वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के साथ साझा नहीं किया है।
याचिका के माध्यम से गोयल ने कहा कि समन्वय की यह कमी पीएमजेजेबीवाई पॉलिसीधारकों के परिवार के सदस्यों या नामांकित व्यक्तियों को दो लाख रुपये का बीमा दावा सीधे प्राप्त करने से रोकती है। याचिका में यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई थी कि वर्ष 2015 से सभी मृतक पॉलिसीधारकों के नामांकित व्यक्ति या परिवार के सदस्यों को पीएमजेजेबीवाई के तहत देय मुआवजा मिले। याचिका में एक जून 2022 से लागू होने वाले संशोधित पीएमजेजेबीवाई नियमों के प्रभावी कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया गया था।
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