दिल्ली हाईकोर्ट ने बीएसएनएल के फैसले को खारिज कर दिया
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बीएसएनएल द्वारा एक निजी आईटी कंपनी के साथ किए गए अनुबंध को रद्द करने के निर्णय को खारिज कर दिया। बीएसएनएल ने मिलेनियम ऑटोमेशन प्राइवेट लिमिटेड के साथ मोबाइल बिलिंग और आईपीडीआर...
अदालत ने आईटी कंपनी के साथ अनुबंध रद्द करने के बीएसएनएल के फैसले को खारिज कर दिया नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केन्द्रीय बिलिंग और इंटरनेट प्रोटोकॉल डेटा रिकवरी (आईपीडीआर) समाधान प्रदान करने के संबंध में एक निजी आईटी कंपनी के साथ किए गए खरीद ऑर्डर को वापस लेने के बीएसएनएल के फैसले को खारिज कर दिया है।
सरकारी स्वामित्व वाली दूरसंचार कंपनी ने बीएसएनएल के केंद्रीकृत मोबाइल बिलिंग सिस्टम और जांच आधारित आईपीडीआर प्रबंधन समाधान के लिए आईटी हार्डवेयर और संबंधित सॉफ्टवेयर की आपूर्ति, स्थापना, परीक्षण, कमीशनिंग और वार्षिक रखरखाव के लिए 19 जुलाई को मिलेनियम ऑटोमेशन प्राइवेट लिमिटेड के साथ किए गए करोड़ों रुपये के अनुबंध को रद्द कर दिया था।
कंपनी पर खरीद ऑर्डर हासिल करने में मिलीभगत और दुर्भावना का आरोप लगाया गया था। न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने पारित अपने फैसले में कहा कि निविदा प्रक्रिया की पवित्रता का पूरी तरह से ध्यान रखा जाना चाहिए।
किसी भी विचलन का उचित परिणाम भुगतना चाहिए, लेकिन इस मामले में समझौतापूर्ण ईमानदारी का तर्क बीएसएनएल के दावों का समर्थन करने के लिए किसी भी ठोस सामग्री के अभाव में कायम नहीं रह सकता। न्यायाधीश ने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 12 के अर्थ में राज्य होने के नाते, बीएसएनएल खरीद आदेश को रद्द करने में निष्पक्ष रूप से कार्य करने की अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने में विफल रहा है।
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