परीक्षा परिणाम से संबंधित मामले में हस्तक्षेप से इनकार
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीएलएटी-2025 के परिणाम को संशोधित करने की मांग को खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि संघ के एकल न्यायाधीश के निर्णय में कोई त्रुटि नहीं है। दो प्रश्नों के उत्तर गलत बताए गए थे...
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के संघ को उत्तर कुंजी में त्रुटियों के कारण सीएलएटी-2025 के परिणाम को संशोधित करने के निर्देश देने वाले आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभु बाखरू एवं न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ संघ द्वारा की गई अपील पर विचार करते हुए कहा कि अंतरिम आदेश के लिए कोई मामला नहीं बनता है। पीठ ने प्रथम दृष्टया दो प्रश्नों के संबंध में एकल न्यायाधीश द्वारा लिए गए दृष्टिकोण में कोई त्रुटि नहीं पाई है। पीठ ने स्पष्ट किया कि संघ एकल न्यायाधीश के निर्णय के अनुसार परिणाम घोषित करने के लिए स्वतंत्र है। प्रवेश परीक्षा में दो प्रश्नों के उत्तर गलत बताए गए थे। याचिका में सात दिसंबर को संघ द्वारा प्रकाशित उत्तर कुंजी को चुनौती दी गई है। कुछ प्रश्नों के सही उत्तरों की घोषणा करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी। एकल न्ययाधीश ने कहा कि गलतियां स्पष्ट हैं। उन पर आँखें मूंद लेना अन्याय होगा।
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