उच्च न्यायालय ने वन अधिकारी को फटकार लगाई
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक फ्लाईओवर के निर्माण के लिए डीम्ड फॉरेस्ट से तीन पेड़ों को प्रत्यारोपित करने की अनुमति देने की याचिका दायर करने पर वन विभाग के अधिकारी को फटकार लगाई। न्यायमूर्ति ने पूछा कि...
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक फ्लाईओवर के निर्माण के लिए डीम्ड फॉरेस्ट से तीन पेड़ों को प्रत्यारोपित करने की अनुमति देने की याचिका दायर करने को लेकर वन विभाग के एक अधिकारी को फटकार लगाई है। न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने संबंधित उप वन संरक्षक (डीसीएफ) को एक हलफनामा दाखिल कर यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या पेड़ों को प्रतिरोपित करने के लिए अर्जी दायर करने से पहले उन्होंने इस क्षेत्र के डीम्ड फॉरेस्ट होने के पहलू पर विचार किया था। दिल्ली में ढाई एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले ऐसे क्षेत्र जिनमें प्रति एकड़ 100 वृक्षों का घनत्व हो तथा सड़कों, नालों आदि के साथ एक किलोमीटर लम्बाई वाले भूमि क्षेत्र, इसके अतिरिक्त राजस्व भूमि अभिलेखों में पहले से ही वन के रूप में दर्शाए गए क्षेत्रों को डीम्ड फॉरेस्ट माना जाता है। अर्जी में डीसीएफ ने कहा कि पीडब्ल्यूडी ने आनंद विहार और दिलशाद गार्डन के बीच फ्लाईओवर के निर्माण के लिए तीन पेड़ों को प्रत्यारोपित करने की मांग की है। याचिका में सुचारू यातायात के लिए उस क्षेत्र में पेड़ों को हटाना आवश्यक बताया है। अदालत मित्र वकील गौतम नारायण और याचिकाकर्ता के वकील आदित्य एन. प्रसाद ने कहा कि विचाराधीन क्षेत्र एक डीम्ड फॉरेस्ट है। जैसा कि शहर के अधिकारियों द्वारा उच्चतम न्यायालय में दाखिल एक हलफनामे में खुलासा किया गया है। इसलिए वहां पेड़ों की कटाई की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
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