खाते से गबन की गई राशि वापस करें : हाईकोर्ट
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक 55 वर्षीय व्यक्ति के खाते से अवैध रूप से गबन की गई 2.6 लाख रुपये की राशि वापस करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने भारतीय स्टेट बैंक को सेवा में कमी का दोषी ठहराया है।...
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक को साइबर धोखाधड़ी के शिकार 55 वर्षीय व्यक्ति के खाते से अवैध रूप से गबन की गई दो लाख 60 हजार रुपये की राशि वापस करने के निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति धर्मेश शर्मा की पीठ ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) सेवा में घोर कमी का दोषी है, क्योंकि जब धोखाधड़ी की सूचना दी गई तो उसका जवाब उबाऊ, दोषपूर्ण था। पीठ ने याचिकाकर्ता को लागत के रूप में 25 हजार रुपये के साथ राशि पर नौ प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज भी देने को कहा है। याचिकाकर्ता वर्ष 2021 में फिशिंग और विशिंग का शिकार हो गया था। दरअसल, उसने अपने मोबाइल नंबर पर भेजे गए एक अज्ञात लिंक पर क्लिक किया तो उसमें उसे धमकी दी गई थी कि उसकी एसएमएस सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसने अपने मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी को अपराधियों के साथ साझा नहीं किया। फिर भी उसके खाते से दो बार में पैसे ले लिए गए। पीठ ने पाया कि ग्राहक सेवाएं संदिग्ध खाता गतिविधि सहित विभिन्न चिंताओं के साथ बैंक ग्राहकों का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, लेकिन वर्तमान मामले में बैंक की प्रतिक्रिया उदासीन व त्वरित कार्रवाई नहीं थी।
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