नर्सों की पंजीकरण प्रणाली को सुव्यवस्थित करने पर निर्णय ले निर्संग काउंसिल- हाईकोर्ट
दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय नर्सिंग काउंसिल को निर्देश दिया है कि वह नर्सों की पंजीकरण और ट्रैकिंग प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने के लिए याचिका पर विचार करे। न्यायमूर्ति उपाध्याय और न्यायमूर्ति...

नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) को निर्देश दिया है कि वह नर्सों की पंजीकरण और ट्रैकिंग प्रणाली (एनआरटीएस) को अधिक प्रभावी बनाने के लिए दाखिल याचिका पर विचार करे और नियमानुसार निर्णय ले। न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने आदेश जारी करते हुए कहा कि संबंधित प्राधिकण को प्रमाणित आदेश की कापी प्राप्त होने की तारीख से छह सप्ताह के भीतर विचार कर एक औपचारिक और कारणयुक्त निर्णय लेना होगा। निर्णय को औपचारिक रूप से याचिकाकर्ता को सूचित किया जाएगा। ------ आईपीएनए ने दाखिल की थी याचिका यह याचिका इंडियन प्रोफेशनल नर्सेज एसोसिएशन (आईपीएनए) ने वकील राबिन राजू के माध्यम से दायर की थी।
इसमें वर्ष 2019 के परिपत्र के अनुसार एनआरटीएस को बनाए रखने में राज्यों की नर्स पंजीकरण परिषदों द्वारा प्रदान की गई सहायता की नियमित समीक्षा का आग्रह किया गया। भारतीय नर्सिंग काउंसिल और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा विकसित की गई यह प्रणाली भारतीय नर्स रजिस्टर को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से बनाई गई थी। इसका उद्देश्य पंजीकरण प्रक्रियाओं को मानकीकृत करना था, जिसमें आधार-आधारित सत्यापन, पारस्परिक पंजीकरण और उच्च योग्यता पंजीकरण शामिल है।
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