Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीDelhi High Court Grants 14-Day Transit Bail to Akash Tanwar to Avoid Arrest in Nagaland

कुत्तों पर क्रूरता का वीडियो वायरल करने वाले को हाईकोर्ट से राहत

दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी निवासी आकाश तंवर को 14 दिन कुत्तों पर क्रूरता का वीडियो वायरल करने वाले को हाईकोर्ट से राहत

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 28 Oct 2024 06:11 PM
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दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी निवासी आकाश तंवर को 14 दिन की ट्रांजिट जमानत प्रदान की नगालैंड राज्य में गिरफ्तारी के बचने के लिए वहां की अदालत में जा सकेंगे आकाश तंवर

नागालैंड पुलिस ने नवंबर 2023 में किया था गिरफ्तार, साकेत कोर्ट से मिली थी अंतरिम जमानत

नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। दिल्ली हाईकोर्ट ने एससी/एसटी अधिनियम के तहत एक मामले में दिल्ली निवासी आकाश तंवर को 14 दिन की ट्रांजिट जमानत प्रदान की है। आकाश इस अवधि में नगालैंड राज्य में गिरफ्तारी के बचने के लिए वहां की अदालत में जा सकेंगे।

हाईकोर्ट ने आदेश में कहा है कि नागालैंड में कुत्तों पर कथित क्रूरता के बारे में उसका इंस्टाग्राम वीडियो किसी व्यक्ति को उसकी जाति या जनजातीय पहचान के आधार पर लक्षित नहीं करता है। आकाश तंवर को कुत्तों पर कथित क्रूरता के वीडियो को वायरल करने के मामले में नवंबर 2023 में नागालैंड पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था, लेकिन उसे साकेत कोर्ट ने अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया था।

हाईकोर्ट ने 21 अक्तूबर को उन्हें ट्रांजिट जमानत दे दी। न्यायमूर्ति अमित महाजन ने कहा कि तंवर के खिलाफ मामले में एससी/एसटी अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं हो सकते। न्यायमूर्ति महाजन ने कहा, याचिकाकर्ता की कथित सोशल मीडिया पोस्ट कुछ समुदायों के लिए आपत्तिजनक है। लेकिन, ऐसा नहीं लगता कि यह किसी व्यक्ति को उसकी जाति या जनजातीय पहचान के आधार पर निशाना बनाती है।

नागालैंड पुलिस ने इसका विरोध करते हुए कहा कि चूंकि आकाश तंवर पहले से ही अंतरिम राहत का लाभ ले रहा है और हिरासत में नहीं है, इसलिए नियमित जमानत देने की प्रार्थना स्वीकार्य नहीं है। यह भी कहा गया कि उन्हें दीमापुर पश्चिम पुलिस स्टेशन पर क्षेत्रीय अधिकारिता रखने वाली अदालत में जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति महाजन इस बात से सहमत थे कि जमानत देने की शक्ति क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र तक सीमित है और इस सिद्धांत की अवहेलना करके इसका अतिक्रमण नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा, आवेदक को मामले पर उचित क्षेत्रीय और विषय-वस्तु क्षेत्राधिकार रखने वाली अदालत के समक्ष उचित उपाय तलाशने का अवसर दिया जाना चाहिए। इसलिए जमानत की मांग करने वाला एक आवेदन नागालैंड में संबंधित अदालत के समक्ष दायर किया जाना चाहिए।

क्या है ट्रांजिट जमानत :

ट्रांजिट जमानत, यानी ट्रांजिट अग्रिम जमानत, यह गिरफ्तारी से बचने के लिए दी जाने वाली एक तरह की अस्थायी जमानत है। यह जमानत, किसी ऐसे व्यक्ति को दी जाती है जिस पर किसी दूसरे राज्य में गिरफ्तारी की आशंका हो। ट्रांज़िट जमानत, किसी ऐसे न्यायालय से दी जाती है जिसका उस जगह पर अधिकार क्षेत्र नहीं होता जहां अपराध हुआ था। यह जमानत, गिरफ्तारी से तब तक सुरक्षा देती है, जब तक कि आरोपी, कथित अपराध के लिए प्रादेशिक अधिकार वाले न्यायालय तक नहीं पहुंच जाता।

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