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Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीCongress Targets All Communities in Haryana Elections with Wrestler Vinesh Phogat as Candidate

कांग्रेस हरियाणा में जातीय समीकरणों को लेकर सतर्क

कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में सभी जातियों को साधने की कोशिश की है। पहलवान विनेश फोगाट को उम्मीदवार बनाकर पार्टी ने बड़ा दांव खेला है। कांग्रेस ने 41 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं,...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 10 Sep 2024 11:42 AM
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- विधानसभा चुनाव में सभी समुदायों को साधने की कोशिश - 41 सीट पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है कांग्रेस

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। हरियाणा चुनाव में मशहूर पहलवान विनेश फोगाट को उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है, पर पार्टी फोगाट की उम्मीदवारी से गए संदेश को लेकर सतर्क है। पार्टी नहीं चाहती कि दूसरी जातियों और समुदायों में कोई गलत संदेश जाए। यही वजह है कि कांग्रेस टिकट बंटवारे में दूसरी जातियों को भी पूरी हिस्सेदारी दे रही है।

प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि विनेश फोगाट की उम्मीदवारी के बाद वह चुनाव प्रचार के केंद्र में आ गई हैं। विनेश की उम्मीदवारी से जाट समुदाय काफी हद तक कांग्रेस के पक्ष में लामबंद हुआ है। पर पार्टी को डर दूसरी अन्य जातियों को लेकर है। हालांकि, पार्टी को उम्मीद है कि लोकसभा की तर्ज पर इस चुनाव में भी दलित मतदाता उसका साथ देंगे।

हरियाणा में अनुसूचित जाति (एससी) के लिए 17 सीट आरक्षित है, पर दलित मतदाता करीब तीन दर्जन सीट पर असर डालते हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि चुनाव में जाट समुदाय को अधिक महत्व देने से दूसरी जातियों में गलत संदेश जा सकता है इसलिए, पार्टी को संतुलन बनाकर उम्मीदवार और चुनाव प्रचार की रणनीति का अमलीजामा पहनाना होगा।

कांग्रेस ने हरियाणा में अभी तक 41 सीट पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं। इनमें से 12 जाट, 9 ओबीसी, 9 एससी, चार पंजाबी, तीन ब्राह्मण, तीन मुसलिम और एक सिख उम्मीदवार है। यह सही है कि जाट समुदाय प्रदेश की 90 में 40 सीट पर असर डालते हैं। पर ओबीसी की तादाद 35 फीसदी है और वह करीब 45 सीट पर हार जीत का फैसला करते हैं।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हरियाणा में मतदाताओं का रुख कांग्रेस के पक्ष में है। पर पार्टी को सभी समुदायों को साथ लेकर चलना होगा। किसी एक को ज्यादा तरजीह देने से दूसरे समुदाय में गलत संदेश जा सकता है। क्योंकि, भाजपा ने जहां ओबीसी को मुख्यमंत्री बनाया है, वहीं प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी ब्राह्मण नेता को सौंप रखी है।

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