प्रकृति परीक्षण अभियान से एक करोड़ लोग होंगे लाभांवित
- पहले चरण में लोगों को ऋतु के हिसाब से खानपान की जानकारी मिलेगी -
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता आयुष पद्धति के अनुसार लोगों को खानपान, व्यायाम और चिकित्सा सलाह उपलब्ध कराने के लिए आयुष मंत्रालय प्रकृति परीक्षण अभियान शुरू कर रहा है। आयुष मंत्रालय के राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अभियान का पहला चरण 26 नवंबर से शुरू होगा। इसमें देशभर में एक करोड़ से अधिक लोगों का प्रकृति परीक्षण होगा। इसके बाद उन्हें आयुष पद्धति से उपचार की जानकारी दी जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह अभियान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती यानी 25 दिसंबर तक चलेगा। उन्होंने कहा कि अभियान का लक्ष्य लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और आयुष तथा आयुर्वेद पद्धति को अपनाने के लिए प्रेरित करना है। इसके लिए मोबाइल ऐप तैयार किया गया है। इस पर देशभर से 4.7 लाख वालंटियर जुड़ेंगे। इनमें आयुर्वेद कॉलेजों के 1.35 लाख छात्र, 20 हजार शिक्षक, 18 हजार आयुर्वेद कॉलेजों के परास्नातक छात्र और आयुर्वेद से जुड़ी प्रैक्टिस करने वाले तीन लाख से अधिक चिकित्सक शामिल हैं।
आम लोग करा सकेंगे पंजीकरण
आम लोग अपना प्रकृति परीक्षण कराने के लिए ऐप के माध्यम से पंजीकरण करा पाएंगे। 18 वर्ष से अधिक के लोगों को ऐप पर मांगी जा रही जानकारी और कुछ स्वीकृति देनी होंगी। उसके बाद लोगों को ऐप के माध्यम से सलाह दी जाएगी कि उम्र और सेहत के हिसाब से कौन सा व्यायाम करना चाहिए। अगर कोई बीमारी है तो फिर आयुर्वेद से जुड़ी किस दवा को खाना चाहिए।
मौसम के अनुसार खाद्य पदार्थों की मिलेगी जानकारी
इसके साथ ही, लोगों को हर दो महीने पर नोटिफिकेशन मिलेगा। इसके माध्यम से उन्हें जानकारी मिलेगी कि उस समय के मौसम में स्वस्थ रहने के लिए किस खाद्य पदार्थ का सेवन करना फायदेमंद है। इस अभियान से जहां लोग आयुष पद्धति की तरफ आकर्षित होंगे वहीं, आयुर्वेद के जरिए देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद मिलेगी।
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