डॉक्टरों की हाजिरी का मसला दो माह बाद भी नहीं सुलझा
- सुप्रीम कोर्ट ने चिकित्सकों को परेशान और कार्रवाई न करने का आश्वासन दिया था
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। कोलकाता में डॉक्टर से दरिंदगी के मामले में हड़ताल पर गए एम्स दिल्ली के चिकित्सकों का हाजिरी का मसला दो माह बाद भी नहीं सुलझ पाया है। ऐसे में अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने धरना शुरू करने की चेतावनी दी। दरअसल, हड़ताल के दौरान रेजिडेंट डॉक्टरों की अटेंडेंट नहीं लगाई गई थी, जबकि उनका कहना है कि हमने महत्वपूर्ण मांगों के साथ हड़ताल करते हुए मरीज देखे थे। सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान कहा था कि डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसके बावजूद एम्स दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टरों की गैरहाजिरी दर्ज होने से उन्हें अदेय प्रमाण पत्र यानी ‘नो ड्यूज नहीं मिल पा रहा है। एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर अस्पताल प्रशासन को पत्र लिखकर तुरंत सुलझाने की अपील की है।
समिति बनाई, लेकिन नतीजा नहीं निकला
एम्स प्रशासन ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए डीन के नेतृत्व में समिति बनाई थी, लेकिन अभी तक नतीजा नहीं निकला है। रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि देश के अन्य एम्स और कई राज्यों के मेडिकल कॉलेजों ने हड़ताल के दौरान उपस्थिति दर्ज न करा सके छात्रों की समस्या का समाधान कर दिया है। हमारी भी समस्या का समाधान जल्द से जल्द हो। अदेय प्रमाण पत्र चिकित्सा पंजीकरण और नौकरियों के लिए आवेदन करने के लिए आवश्यक है। इससे उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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