‘हो सकता है कि अखिलेश को उनकी शराब…’: AAP का साथ देने पर संदीप दीक्षित ने SP पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को समर्थन देने के समाजवादी पार्टी के फैसले पर सवाल उठाया है। संदीप दीक्षित ने कहा कि अखिलेश यादव का समर्थन ‘आप’ की शराब नीति और आलीशान महल से प्रेरित हो सकता है।
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को समर्थन देने के समाजवादी पार्टी के फैसले पर सवाल उठाया है। संदीप दीक्षित ने कहा कि अखिलेश यादव का समर्थन ‘आप’ की शराब नीति और आलीशान महल से प्रेरित हो सकता है।
एएनआई से बात करते हुए संदीप दीक्षित ने कहा, "हो सकता है कि अखिलेश यादव को उनकी (आप की) शराब नीति पसंद हो या फिर वह अपने लिए एक भव्य बंगला बनवाना चाहते हों। अगर कोई व्यक्ति राजनीति में किसी का समर्थन करता है, तो इसका मतलब है कि वह उनकी नीतियों का समर्थन कर रहा है।"
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि दिल्ली में ‘आप’ कांग्रेस से ज्यादा मजबूत है, इसलिए उनकी पार्टी ने ‘आप’ का समर्थन करने का फैसला किया है। अखिलेश यादव ने कहा था कि बीजेपी के खिलाफ लड़ने वाली क्षेत्रीय पार्टी को इंडिया एलायंस के नेताओं का समर्थन मिलना चाहिए। दिल्ली में ‘आप’ और कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं। ‘आप’ मजबूत है और हमने उनके साथ खड़े होने का फैसला किया है। सवाल दिल्ली का है और हमारा लक्ष्य है कि बीजेपी हार जाए। कांग्रेस और ‘आप’ का भी यही लक्ष्य है।"
समाजवादी पार्टी के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भी आगामी दिल्ली चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी (आप) को अपना समर्थन दिया है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को एक ही चरण में होंगे और वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी।
सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने पहले ही सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 59 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 जनवरी है। नामांकन पत्रों की जांच की तिथि 18 जनवरी है। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 20 जनवरी है। दिल्ली में लगातार 15 साल तक सत्ता में रही कांग्रेस को पिछले दो विधानसभा चुनावों में झटका लगा है और वह एक भी सीट नहीं जीत सकी। इसके विपरीत 2020 के विधानसभा चुनावों में ‘आप’ ने 70 में से 62 सीटें जीतकर अपना दबदबा बनाया, जबकि भाजपा को केवल 8 सीटें मिलीं।