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सैन्य और पुलिस बल में भर्ती होने के योग्य उम्मीदवार को टैटू हटवाने का मौका देना जरूरी : दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा कि सैन्य या पुलिस बल में भर्ती होने की सभी योग्यताएं रखने वाले युवक की उम्मीदवारी महज इसलिए खारिज नहीं की जा सकती कि उसके शरीर के किसी हिस्से पर टैटू बना है।

Praveen Sharma हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। हेमलता कौशिकSat, 28 Sep 2024 07:54 AM
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दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा कि सैन्य या पुलिस बल में भर्ती होने की सभी योग्यताएं रखने वाले युवक की उम्मीदवारी महज इसलिए खारिज नहीं की जा सकती कि उसके शरीर के किसी हिस्से पर टैटू बना है। योग्य उम्मीदवार को टैटू हटवाने का मौका देना अनिवार्य है।

युवक को प्रशिक्षण के लिए भेजने के आदेश हाईकोर्ट ने इसी के साथ दिल्ली पुलिस में भर्ती के लिए लिखित और शारीरिक परीक्षा समेत तमाम मापदंड पूरा करने वाले युवक को प्रशिक्षण के लिए भेजने के आदेश दिए। 

जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस गिरीश कठपाडिया की बेंच ने कर्मचारी चयन आयोग एवं अन्य प्रतिवादियों को निर्देश दिया है कि युवक को नवंबर 2024 से पुलिस प्रशिक्षण के लिए भेजा जाए। दरअसल, दिल्ली पुलिस में भर्ती होने के लिए एक युवक ने एक सितंबर 2023 को आवेदन किया था। उसने लिखित परीक्षा उच्च श्रेणी से पास की। इतना ही नहीं शारीरिक और मेडिकल टेस्ट में भी वह पास हो गया, लेकिन दाएं हाथ में ओम का टैटू होने की वजह से उसकी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया गया।

कैट में याचिका लगाई गई थी : युवक ने इसके खिलाफ केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में याचिका लगाई थी। कैट ने माना कि कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) का यह फैसला मनमाना है।

अभ्यर्थी ने हाईकोर्ट के समक्ष हाथ दिखाया

इस मामले की सुनवाई के दौरान अभ्यर्थी हाईकोर्ट की खंडपीठ के समक्ष उपस्थित हुआ। उसने पीठ को अपना हाथ दिखाया। साथ ही बताया कि उसने सर्जरी के माध्यम से टैटू हटवा लिया है। पीठ ने कोर्ट रूम में मौजूद एसएससी के वरिष्ठ वकील और दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों से युवक का टैटू देखने को कहा। युवक के हाथ पर टैटू का निशान तक नहीं मिला। इस बात की सभी अधिकारियों ने पुष्टि भी की।

एसएससी ने कैट के आदेश को चुनौती दी

एसएससी ने कैट के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी। एसएससी की दलील थी कि उम्मीदवार के शरीर के किसी भी हिस्से पर टैटू होना भर्ती नियम के अनुसार उसकी अयोग्यता है। इस मामले में तो उम्मीदवार के सलामी देने वाले हाथ में ही ओम का टैटू है। हाईकोर्ट ने एसएससी की दलील को नामंजूर करते हुए 24 जुलाई को कहा कि अभ्यर्थी को टैटू हटवाने का अवसर दिया जाए। यदि वह नहीं हटवाता है तो उम्मीदवारी खारिज की जा सकती है।

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