Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Land acquisition will be accelerated in Yamuna Authority area 55 new villages added in master plan

यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में तेज होगा जमीन अधिग्रहण, मास्टर प्लान में जुड़े 55 नए गांव

यमुना प्राधिकरण (यीडा) ने किसानों के लीजबैक मामलों का झंझट खत्म करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मास्टर प्लान 2041 को मंजूरी मिलने के बाद गांवों में आबादी का सीमांकन (पेरीफेरी) के बाहर ही भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। फिलहाल 15 गांवों का सर्वे शुरू कराया गया है।

Praveen Sharma हिन्दुस्तान, ग्रेटर नोएडाMon, 28 Oct 2024 09:23 AM
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यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने किसानों के लीजबैक मामलों का झंझट खत्म करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मास्टर प्लान 2041 को मंजूरी मिलने के बाद गांवों में आबादी का सीमांकन (पेरीफेरी) के बाहर ही भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। फिलहाल 15 गांवों का सर्वे शुरू कराया गया है। सर्वे के बाद किसानों से बातचीत कर आबादी का सीमांकन और जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।

यमुना प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि यमुना सिटी में करीब 368 लीजबैक और 88 मामले शिफ्टिंग के लंबित पड़े हैं। वहीं, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में लीजबैक के 2,288 मामले और करीब 250 शिफ्टिंग के लंबित हैं। इसी तरह नोएडा में काफी किसान इससे प्रभावित हैं। आए दिन किसान प्राधिकरणों का घेराव करते हैं। किसानों की शिकायत रहती है कि भूमि अधिग्रहण के दौरान उनकी आबादी की जमीन को भी अधिग्रहित कर लिया गया, जबकि आबादी की जमीन को अधिग्रहण में शामिल करने का नियम नहीं है। इसके लिए किसान तीनों प्राधिकरण में चक्कर लगाते हैं, वहीं बड़ी परियोजनाओं के विकास में भी यह बाधा बनती है। इन सभी समस्याओं को सुलझाने के लिए प्राधिकरण ने पेरीफेरी के बाहर अधिग्रहण की योजना बना ली है।

समिति गठित हो चुकी

लीजबैक और शिफ्टिंग प्रकरण को सुलझाने के लिए सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्य कमेटी का गठन किया जा चुका है। लीजबैक व शिफ्टिंग के लिए डीएम प्रतिनिधि के रूप में एसडीएम से अनुमति लेनी होती है। एसडीएम फाइल पर हस्ताक्षर करने से बचते हैं, जिससे समस्या का निस्तारण नहीं हो पाता है। किसानों को समस्या दूर करने के लिए एसडीएम से अनुमति न लेना पड़े।

55 नए गांव मास्टर प्लान में जुड़े

मास्टर प्लान 2041 को बीते दिनों ही शासन से मंजूरी मिली है। मास्टर प्लान में बुलंदशहर के 55 नए गांवों को शामिल किया गया है, जिसके बाद कुल गांव 226 हो गए हैं। इनमें गौतमबुद्ध नगर के 131, जबकि बुलंदशहर के 95 गांव शामिल हैं। यमुना सिटी का बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर को मिलाकर कुल शहरी क्षेत्र 37538.91 हेक्टेयर हो गया है, जबकि मास्टर प्लान- 2031 के अनुसार कुल क्षेत्रफल 24,739 हेक्टेयर था। मास्टर प्लान में ग्रीन बेल्ट का क्षेत्रफल 11.23 प्रतिशत से बढ़ाकर 14.77 प्रतिशत तक कर दिया गया है। वहीं, यमुना सिटी में वाटर बॉडी, मनोरंजन पार्क का एरिया 231 हेक्टेयर से बढ़ाकर 335 हेक्टेयर तक कर दिया गया है। मास्टर प्लान के मुताबिक, यमुना सिटी में बढ़ते विकास को देखते हुए 2041 तक यहां की जनसंख्या 37 लाख आंकी गई है।

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने कहा, ''मास्टर प्लान को मंजूरी मिलने के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है, इसके लिए 15 गांवों का सर्वे कराया जा रहा है। अब यमुना सिटी में लीजबैक के मामलों का झंझट खत्म करने के लिए सर्वे के बाद ही जमीन अधिग्रहण होगा।''

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