US के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर की मोहब्बत में गुरुग्राम का नसीराबाद गांव कैसे बन गया कार्टरपुरी
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का सौ वर्ष की उम्र में निधन हो गया। कार्टर ने वर्ष 1978 में अपनी पत्नी के साथ गुरुग्राम के दौलतपुर नसीराबाद गांव का दौरा किया था। 2002 में इराक से युद्ध रोकने के लिए जिमी कार्टर को शांति का नोबेल पुरस्कार मिला था।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का रविवार को सौ साल की उम्र में जॉर्जिया में निधन हो गया। कार्टर का दिल्ली-एनसीआर से खास नाता रहा। गुरुग्राम के दौलतपुर नसीराबाद गांव का नाम उनके नाम पर ही ‘कार्टरपुरी’ रखा गया।
अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद कार्टर अपनी पत्नी के साथ 3 जनवरी, 1978 को गांव आए थे। इस दौरान उन्होंने उस हवेली का भी दौरा किया, जिसमें उनका बचपन बीता। गांव के पूर्व पंचायत सदस्य अत्तर सिंह ने बताया कि कार्टर राष्ट्रपति बनने के बाद भारत दौरे पर आ रहे थे, तब मां लिलियन ने उनसे गांव दौलतपुर नसीराबाद का भी दौरा करने को कहा। गांव पहुंचने पर उनका खूब सत्कार हुआ। उनके साथ गांव पहुंचे तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने गांव का नाम दौलतपुर नसीराबाद से बदलकर कार्टरपुरी रखने का प्रस्ताव रखा, जिस पर कार्टर ने हामी भरी। उसके बाद से गांव का नाम ‘कार्टरपुरी’ हो गया।
कार्टर हरियाणा की शान कहे जाने वाली हुक्का और खाट देखकर काफी खुश हुए थे। ग्रामीणों ने उन्हें पगड़ी और पत्नी को हरियाणावी पोशाक पहनाई थी। गांव में हुए सम्मान और सत्कार को देखकर प्रभावित हुए। यही वजह थी कि 30 मिनट के दौरे के बावजूद वे दो घंटे गांव में ठहरे। आवभगत से अभिभूत होकर उन्होंने अपने दौरे के बारे में लिखा भी था।
भारत के खास मित्र रहे
जिमी कार्टर वर्ष 1977 से 1981 तक अमेरिकी राष्ट्रपति के पद पर रहे। अमेरिकी इतिहास में वह सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले पहले पूर्व राष्ट्रपति थे। वे मेलानोमा नामक स्किन कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे। जिमी कार्टर को भारत का खास मित्र माना जाता था। 1977 में जनता पार्टी की जीत के बाद वे भारत आने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति थे।
लोनावला के पास 100 घर बनाने में मदद की
जिमी कार्टर ने मुंबई के पास लोनावला में 100 गरीब परिवारों के लिए 2006 में घर बनाने में मदद की थी। उस वर्ष अक्टूबर में एक हफ्ते के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और पत्नी रोजलिन ने करीब दो हजार अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय स्वयंसेवकों के साथ मिलकर पाटन गांव में घर बनवाए थे। इन स्वयंसेवकों में अभिनेता ब्रैड पिट और अभिनेता जॉन अब्राहम भी शामिल थे।