जेवर एयरपोर्ट से उड़ान भरने के लिए टिकट अगले माह मिलने लगेंगे, फ्लाइट शेड्यूल के लिए भेजा ड्राफ्ट
जेवर एयरपोर्ट से अप्रैल 2025 में विमानों की उड़ान प्रस्तावित है। एयरपोर्ट पर नौ दिसंबर को ट्रायल किया जा चुका है। इंडिगो के विमान ने रनवे पर उतरकर अध्ययन किया और जरूरी सर्विलांस सिस्टम की जांच का रिकॉर्ड एकत्र किया था। एयरपोर्ट पर ट्रायल सफल रहा था।
ग्रेटर नोएडा के पास जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फरवरी तक टिकट बुकिंग सेवा शुरू होने की उम्मीद है। एयरपोर्ट बना रही कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (यापल) ने फ्लाइट शेड्यूलिंग के लिए नागरिक महानिदेशालय को वैमानिकी सूचना प्रकाशन (एआईपी) का ड्राफ्ट भेज दिया है। एयरपोर्ट पर वेलिडेशन फ्लाइट की रिपोर्ट और डेटा के अध्ययन को देखते हुए फरवरी तक इसे मंजूरी मिलने की संभावना है।
एयरपोर्ट से अप्रैल 2025 में विमानों की उड़ान प्रस्तावित है। एयरपोर्ट पर नौ दिसंबर को ट्रायल किया जा चुका है। इंडिगो के विमान ने रनवे पर उतरकर अध्ययन किया और जरूरी सर्विलांस सिस्टम की जांच का रिकॉर्ड एकत्र किया था। एयरपोर्ट पर ट्रायल सफल रहा था, जिसकी रिपोर्ट पूर्व में ही डीजीसीए को भेजी जा चुकी है।
उड़ान से पहले प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य : कंपनी ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग सेवा शुरू कराने के लिए फ्लाइट शैड्यूलिंग को लेकर वैमानिकी सूचना प्रकाशन का ड्राफ्ट भी डीजीसीए और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भेजा दिया है। कंपनी ने टिकट बुकिंग सेवा के लिए छह फरवरी की तिथि निर्धारित की है, जोकि प्रस्तावित उड़ान की तिथि 17 अप्रैल से 70 दिन पहले है। उड़ान शुरू करने के लिए यह प्रक्रिया छह फरवरी तक अनिवार्य रूप से पूरी की जानी थी, जिसे समय रहते डीजीसीए को भेजा जा चुका है।
टीम एयरपोर्ट साइट का निरीक्षण करेगी : डीजीसीए की टीम वेलिडेशन फ्लाइट के डेटा और रिकॉर्ड के साथ एयरपोर्ट साइट का निरीक्षण करेगी, जिसके बाद वैमानिकी सूचना का प्रकाशन किया जाएगा। इससे विश्वभर में एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट शुरू होने का रास्ता खुलेगा। एयरपोर्ट पर पहले दिन से ही 30 विमान सेवा शुरू करने की तैयारी है, जिनमें 25 घरेलू और तीन अंतरराष्ट्रीय, जबकि दो कार्गो फ्लाइट शामिल हैं।
सभी कार्य निर्धारित समय पर पूरे किए गए : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नायल) के सीईओ शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि एआईपी ड्राफ्ट डीजीसीए को भेजा जा चुका है। टिकट बुकिंग सेवा समय पर शुरू की जा सकेगी। अब तक सभी कार्य निर्धारित समय पर पूरे किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आगे भी समयसीमा के अंदर कार्य पूरे कराने की तैयारी है, ताकि समय पर एयरपोर्ट से विमानों की उड़ान संभव हो सके। इससे यहां जाने वाले यात्रियों को सहूलियत मिल सकेगी।
सीईओ शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का क्षेत्रफल 6200 हेक्टेयर है। पहले चरण में 1334 हेक्टेयर में एयरपोर्ट का निर्माण हुआ है। 3900 मीटर लंबे और 60 मीटर चौड़े रनवे के साथ इसकी शुरुआत होगी। इसकी तैयारी की जा रही है।
छह रनवे बनाने की योजना
नोएडा एयरपोर्ट का पहला चरण अप्रैल 2025 में पूरा होगा। इसकी सालाना क्षमता 1.2 करोड़ यात्री की होगी। अब तक दिल्ली एयरपोर्ट की सालाना क्षमता 7.36 और मुंबई की 5.28 करोड़ है। यात्रियों के सालाना बढ़ने के साथ रनवे की संख्या भी बढ़ती जाएगी। नोएडा एयरपोर्ट पर कुल छह रनवे बनाने की योजना है। यह देश का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनेगा। क्षेत्रफल और रनवे की संख्या में यह देश में सभी एयरपोर्ट को मात देगा।
एयरपोर्ट का विकास
● प्रथम चरण 1334 हेक्टेयर
● दूसरा चरण 1365 हेक्टेयर
● तीसरा और चौथा 2084 हेक्टेयर
● नए मास्टर प्लान में 1200 हेक्टेयर जमीन और मिली है
पहले दिन प्रमुख शहरों के लिए उड़ान शुरू होगी
अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट सिंगापुर, दुबई और ज्यूरिख के लिए शुरू हो सकती है, इसके लिए लुफ्तहांसा और सिंगापुर एयरलाइन के साथ करार हुआ है। घरेलू स्तर पर अकासा और इंडिगो की फ्लाइट उड़ान भरेगी। पहले दिन घरेलू फ्लाइट लखनऊ समेत देश के प्रमुख शहर के लिए शुरू होगी।
दिल्ली से सस्ती हो सकती है उड़ान
नोएडा एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले विमानों में यात्री किराया दिल्ली एयरपोर्ट के मुकाबले कम हो सकता है। कारण, दिल्ली की अपेक्षा नोएडा के विमानों को ईंधन सस्ती दर पर मिलेगा। एयरपोर्ट के निर्माण से पहले हुए समझौते के तहत ईंधन पर एक फीसदी वैट लगेगा। दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले विमानों को ईंधन पर 25 फीसदी वैट का भुगतान करना पड़ता है। ऐसे में ईंधन पर वैट की राहत का असर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से संचालित होने वाले विमानों के किराये पर दिखने की पूरी उम्मीद है।