जेवर एयरपोर्ट के कार्गो टर्मिनल में बनेगा भारतीय वायु सेना का दफ्तर, क्या है मकसद
जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट परिसर में भारतीय वायु सेना का कार्यालय बनेगा। वायु सेना की विदेश से आयात होने वाले उपकरणों की निगरानी समेत अन्य कार्यों के लिए यहां कार्यालय बनाने की तैयारी है।
जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट परिसर में भारतीय वायु सेना का कार्यालय बनेगा। वायु सेना की विदेश से आयात होने वाले उपकरणों की निगरानी समेत अन्य कार्यों के लिए यहां कार्यालय बनाने की तैयारी है। एयरपोर्ट के कार्गो टर्मिनल में वायु सेना को कार्यालय के लिए स्थान आवंटित किया जाएगा। जमीन के लिए प्राधिकरण स्तर पर पत्राचार किया गया है। उड़ान शुरू होने से पहले सेना को कार्यालय स्थापना के लिए भूमि मिलने की उम्मीद है।
प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि एयरपोर्ट पर यात्री सेवा के अलावा कार्गो हब भी मुख्य केंद्र रहेगा। एयरपोर्ट परिसर में 80 एकड़ में कार्गो हब विकसित किया जा रहा है। इसमें कार्गो टर्मिनल के साथ वेयरहाउस आदि बनेंगे।
वायु सेना को 3 हजार वर्गफीट जगह दी जाएगी
कार्गो टर्मिनल में ही भारतीय वायु सेना को तीन हजार वर्गफीट जगह कार्यालय के लिए दी जाएगी। वायु सेना ने नागर विमानन मंत्रालय के जरिये भूमि के लिए अनुरोध किया है। उन्हें निशुल्क जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। कार्यालय बनने के बाद यहां से वायु सेना विदेश से आयात होने वाले उपकरण, कलपुर्जे व अन्य सामान की निगरानी व अपने जरूरी कार्यों को पूरा कर सकेगी। अभी कार्गो आईजीआई एयरपोर्ट पर उतरता है, लेकिन जेवर में एयरपोर्ट के शुरू होने के बाद इसे यहां पर उतारने की भी तैयारी की जा रही है।
पहले दिन से ही 50 मिलियन टन कार्गो का आयात-निर्यात
नोएडा एयरपोर्ट पर पहले दिन से ही लगभग 50 मिलियन टन कार्गो का आयात निर्यात हो सकेगा। एयरपोर्ट पर बन रहा कार्गो हब दिल्ली आईजीआई की कार्गो फ्लाइट पर पड़े रहे अतिरिक्त दवाब को कम करने में सहायक होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली आईजीआई से प्रतिदिन मशीन पार्ट्स 36 प्रतिशत, गारमेंट्स 16 प्रतिशत, इलेक्ट्रिकल 14 प्रतिशत, लेदर चार प्रतिशत, दवा तीन प्रतिशत और अन्य सामान 21 प्रतिशत तक विदेशों के लिए निर्यात होता है, जबकि इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रानिक्स 65 प्रतिशत, दवा 15 प्रतिशत व अन्य सामान सामा 16 प्रतिशत तक आयात होता है। वहीं, घरेलू की बात करें तो आईजीआई से कॉरियर 60 प्रतिशत, मशीन पार्ट्स 20 प्रतिशत और गारमेंट्स का 10 प्रतिशत समेत 10 प्रतिशत अन्य सामान का आयात व निर्यात करता है।