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अरविंद केजरीवाल की जान को खतरा? खालिस्तानी कर सकते हैं अटैक; एजेंसियां अलर्ट

  • साल 2014 में अलर्ट जारी किया गया था कि इंडियन मुजाहिदीन जेल में बंद अपने प्रमुख यासीन भटकल की रिहाई के लिए अरविंद केजरीवाल का अपहरण कर सकता है।

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तानWed, 15 Jan 2025 05:34 AM
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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा को लेकर एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। खबर है कि हमले की आशंका के चलते उनकी सुरक्षा की समीक्षा की जा रही है। हालांकि, इसे लेकर केंद्र सरकार या आम आदमी पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। इससे पहले साल 2014 में भी खुफिया विभाग केजरीवाल पर हमले को लेकर आगाह कर चुका है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, खुफिया इनपुट्स मिले हैं कि प्रो खालिस्तान संगठन से जुड़े लोग केजरीवाल पर हमला कर सकते हैं। अलर्ट में कहा गया है कि दो-तीन लोगों का एक हिट स्क्वॉड दिल्ली की ओर निकला है, जो केजरीवाल पर हमले की कोशिश कर सकता है। इस स्क्वॉड को पंजाब में देखा गया था।

अखबार से बातचीत में सूत्रों ने कहा, 'इस प्लॉट के पीछे पाकिस्तान का ISI, जिसका मकसद दोनों राज्यों में कानून व्यवस्था और सद्भावना को खत्म करना है। यह ह्यूमन इंटेलीजेंस हैं और हम और जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।' आप सुप्रीमो के पास फिलहाल Z प्लस सिक्योरिटी कवर है।

पहले भी चेताया

साल 2014 में अलर्ट जारी किया गया था कि इंडियन मुजाहिदीन जेल में बंद अपने प्रमुख यासीन भटकल की रिहाई के लिए केजरीवाल का अपहरण कर सकता है। उस दौरान दिल्ली पुलिस की तरफ से उनकी सुरक्षा में इजाफा किया गया था। इंडियन मुजाहिदीन के प्लान को लेकर जानकारी मिलने के दौरान केजरीवाल स्याही फेंके जाने और थप्पड़ समेत कई घटनाओं का शिकार हुए थे।

इनमें अप्रैल 2014 में ऑटो ड्राइवर का थप्पड़ मारना, जनवरी 2016 में स्याही फेंका जाना, अप्रैल 2016 में एक शख्स ने केजरीवाल पर जूता फेंका था। मई 2019 में मोती नगर में भी उन्हें निशाना बनाया गया था।

सुरक्षा

सूत्रों ने अखबार को बताया है कि 63 लोग केजरीवाल की सुरक्षा करते हैं। इसमें पायलट, एस्कॉर्ट, सुरक्षा दल, होम गार्ड और स्पॉटर शामिल हैं। इस व्यवस्था में कुल 47 लोग हैं और CAPF के 15 जवान शामिल हैं। तिहाड़ जेल में रहने के दौरान भी उनकी सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव कर विशेष सुरक्षा दी गई थी। इधर, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को प्रोटोकॉल के तहत Z प्लस सुरक्षा मिली हुई है।

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