रोल्स रॉयस से किया प्रचार, डीयू कैंपस साफ करने को दें पैसे; डूसू चुनाव लड़ने वालों पर HC की टिप्पणी
दिल्ली हाईकोर्ट ने ने सोमवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के कुलपति को 27 सितंबर को हुए छात्र संघ चुनाव के दौरान कथित रूप से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए कई छात्र उम्मीदवारों को नोटिस जारी करते समय 'प्रो-एक्टिव' रहने को कहा।
दिल्ली हाईकोर्ट ने ने सोमवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के कुलपति को 27 सितंबर को हुए छात्र संघ चुनाव के दौरान कथित रूप से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए कई छात्र उम्मीदवारों को नोटिस जारी करते समय 'प्रो-एक्टिव' रहने को कहा। एमसीडी ने दावा किया है कि उसने निजी ठेकेदारों की मदद से क्षतिग्रस्त संपत्तियों की सफाई पर एक करोड़ रुपये खर्च किए हैं। हाईकोर्ट ने इसपर यूनिवर्सिटी का रुख पूछा।
मतगणना पर लगी रोक हटाने से इनकार करते हुए अदालत ने कहा कि जो उम्मीदवार प्रचार के दौरान रोल्स रॉयस और दूसरी लग्जरी कारें और ट्रैक्टर खरीद सकते हैं, वे 'सार्वजनिक परिसरों की सफाई पर भी पैसा खर्च कर सकते हैं।' हाईकोर्ट ने पुलिस, एमसीडी और डीयू को लेटेस्ट स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया और सुनवाई 28 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी।
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा 'डीयू में बिना नंबर प्लेट वाली गाड़ियां देखी गई हैं, (लोग) रोल्स-रॉयस और दूसरी लग्जरी कारों में प्रचार करते हैं, लेकिन पुलिस और यूनिवर्सिटी कुछ नहीं कर रही हैं। क्या आपके पास कुलपति भी है? अभी हम हल्के में कह रहे हैं कि उन्हें सक्रिय होने की जरूरत है, वरना हम आदेश पारित करेंगे। यह बहुत आश्चर्यजनक है। आपको कुछ करना होगा। ये उम्मीदवार आपके कॉलेजों में पढ़ते हैं और आपके पास पूरी शक्ति है।'
हाईकोर्ट ने डीयू के इस दावे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि उसके 90 प्रतिशत कॉलेजों, संस्थानों और परिसर को डिफेसमेंट (विरूपण) से मुक्त कर दिया गया है, क्योंकि इसे न केवल याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत मनचंदा ने चुनौती दी थी, बल्कि डीएमआरसी और एमसीडी ने भी चुनौती दी थी, जिनका प्रतिनिधित्व क्रमशः स्थायी वकील पुष्कर सूद और संजीव सभरवाल ने किया था।
अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, 'आप छात्रों को हाईवे पर गुंडागर्दी करने की अनुमति कैसे दे सकते हैं? यह बहुत अच्छी स्थिति नहीं है। यह डीयू की प्रशासनिक विफलता है जिसके कारण ऐसी अप्रिय स्थिति पैदा हुई। सुधारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए।' अदालत ने कहा कि पुलिस को सड़कों पर चलने वाली ऐसी कारों पर कार्रवाई करनी चाहिए और इसे एक गंभीर मुद्दा बताया।
अदालत ने डूसू चुनाव की मतगणना पर तब तक के लिए रोक लगा रखी है, जब तक कि सार्वजनिक संपत्ति से पोस्टर, होर्डिंग और ग्रैफिटी हटा नहीं दिए जाते। अदालत ने कहा, 'हमारा इरादा मतगणना रोकने का नहीं है। आप जगह साफ कर दें, और अगले दिन मतगणना की अनुमति दे दी जाएगी।'