ऑस्कर नामित फिल्म में यौन उत्पीड़न पीड़िता की पहचान उजागर का आरोप, दिल्ली कोर्ट ने जवाब दाखिल करने की दी अनुमती
दिल्ली हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न पीड़िता को और उसके पिता को अपनी पहचान उजागर होने के आरोप पर जवाब दाखिल करने की अनुमती दी है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने यौन उत्पीड़न पीड़िता और उसके पिता को एक याचिका पर जवाब दाखिल करने की अनुमति दे दी है। इसमें फिल्म निर्माता निशा पाहुजा और स्ट्रीमिंग सर्विस नेटफ्लिक्स के खिलाफ कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए एक डाक्यूमेंट्री फिल्म में नाबालिग की पहचान उजागर करने के लिए कार्रवाई की मांग की गई है। इस मामले में अगली सुनवाई सात जनवरी को होनी है।
इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म में हुई पहचान उजागर
इस फिल्म का नाम 'टू किल ए टाइगर' है। इसमें झारखंड के एक गांव का सेट है। इसमें एक आदमी अपनी 13 साल की बेटी के लिए न्याय की लड़ाई लड़ता हुआ दिखाया गया है। उसका तीन आदमियों द्वारा यौन उत्पीड़न किया गया था। ये फिल्म अब बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फीचर कैटेगरी में 96वें अकेडमी अवॉर्ड 2024 के लिए नॉमिनेटेड हुई है।
तीन सप्ताह में हलफनामें के साथ जमा करें जवाब
इस मामले में पीड़िता और उसके पिता ने याचिका में पक्षकार बनने की मांग की है। मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायाधीश तुषार राव ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली है। न्यायाधीश ने नए पक्षकार बनाए गए प्रतिवादियों को तीन सप्ताह में अपने जवाब हलफनामें के साथ जमा करने की अनुमती दी है।
बंद लिफाफे में जमा करें संवेदनशील तस्वीरें
कोर्ट ने याचिकार्कताओं को अन्य दस्तावेज दाखिल करने की भी अनुमती दी है। इसमें नेटफ्लिक्स पर आई उस फिल्म में दिखाई गई संवेदनशील तस्वीरें भी शामिल की गई हैं। जिनमें बच्ची और उसके परिजनों को दिखाया गया है, लेकिन ये तस्वीरें सील बंद लिफाफे में जमा करनी हैं।
फिल्म से बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर हुई
इससे पहले कोर्ट ने केंद्र और पाहुजा को नोटिस जारी किया था। इसमें उनसे अपने जवाब दाखिल करने को कहा गया था। पीठ ने पहले फिल्म की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और कहा था कि यह मार्च से जनता के लिए उपलब्ध है। याचिकाकर्ता के अनुसार, फिल्म से बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर हो गई है, जो घटना के समय नाबालिग थी, क्योंकि इसमें उसका चेहरा नहीं छिपाया गया है।