दिल्ली दंगों में खोया पति, अब मुस्तफाबाद के हादसे में पूरा परिवार खत्म; कैसे बची साहिबा और बच्चों की जान
दिल्ली के मुस्तफाबाद हादसे में बिल्डिंग के मालिक हाजी तहसीन के बेटे आस मोहम्मद की मौत 2020 में हुए दिल्ली दंगों में हुई थी। शनिवार तड़के उनके 6 बच्चों की जान चली गई। इसके अलावा उसके ससुर भी हादसे का शिकार हो गए।

दिल्ली के मुस्तफाबाद हादसे में बिल्डिंग के मालिक हाजी तहसीन के बेटे आस मोहम्मद की मौत 2020 में हुए दिल्ली दंगों में हुई थी। शनिवार तड़के उनके 6 बच्चों की जान चली गई। इसके अलावा उसके ससुर भी हादसे का शिकार हो गए, जो चार दिन पहले ही उनके घर रहने के लिए आए थे।
हादसे की सूचना मिलने के बाद उनकी विधवा बहू साहिबा अपने घर पहुंची। साहिबा ने रोते हुए बताया कि जब में घर पहुंची तो सब कुछ खत्म हो गया था। दिल्ली दंगे में मेरे पति की हत्या कर दी गई थी और अब हादसे में मेरा घर और परिवार सब खत्म कर हो गया। साहिबा ने बताया कि दंगे के दौरान मेरे पति लापता हो गए थे। दूसरे दिन उनका शव नाले से बरामद किया गया था। उसके बाद से ही पूरा परिवार सदमे में रह रहा था। मैं किसी तरह परिवार के सहारे से अपने बच्चों को पाल रही थी, लेकिन अब परिवार के आधे से ज्यादा सदस्यों की मौत हो चुकी है।
वहीं, मकान मालिक का बेटा चांद अपने बच्चों के लिए फरिश्ता साबित हुआ। वह खुद और अपने बच्चों को मौत के मुंह से बाहर खींच लाया। बेड पर सो रहे बच्चों पर मलबा न गिरे वह उनके लिए ढाल बन गया। चांद व उसके दो बच्चे सान्या और शान सही सलामत है। उन्हें मामूली चोट लगी है।
शादी में जाने के चलते बच गई महिला की जान
साहिबा ने बताया कि उनके एक रिश्तेदार के घर शादी का कार्यक्रम था। जिसके लिए वह अपने तीनों बच्चों के साथ एक दिन पहले ही घर से चली गई थी। उन्हें दो दिन बाद लौटना था, लेकिन जब हादसे की सूचना मिली तो जल्द ही लौट आई। वापस आने पर देखा तो उनका घर जमींदोज हो गया था।