भूकंप जैसा झटका या कुछ और? मुस्तफाबाद में बिल्डिंग गिरने के पीछे ये हो सकती है वजह
दिल्ली के मुस्तफाबाद में शनिवार तड़के 4 मंजिला मकान गिरने से 11 लोगों की मौत हो गई और 11 घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि हादसे में मरने वालों में चार बच्चे और एक बुजुर्ग सहित एक ही परिवार के 8 लोग शामिल हैं। इस चार मंजिला इमारत में करीब 22 लोग रह रहे थे।

दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में शनिवार तड़के 4 मंजिला इमारत भरभराकर गिर गई। हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई और 11 घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि हादसे में मरने वालों में चार बच्चे और एक बुजुर्ग सहित एक ही परिवार के 8 लोग शामिल हैं। इस चार मंजिला इमारत में करीब 22 लोग रह रहे थे। कुछ स्थानीय लोगों का दावा है कि शुक्रवार रात करीब 11 बजे अचानक मकान के आसपास झटका महसूस हुआ था।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने हादसे पर दुख जताया और मरने वालों के परिजनों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की है।
इमारत धराशायी होते ही चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोग मदद के लिए दौड़े। कुछ ही समय में पुलिस और एनडीआरएफ भी मौके पर पहुंच गई। सभी ने मिलकर मलबे से लोगों को बाहर निकालना शुरू किया। शनिवार दोपहर तक 22 लोगों को मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने 11 लोगों को मृत घोषित कर दिया। वहीं, सात घायलों का इलाज चल रहा है। मलबा हटाने का काम देर रात तक जारी था।
करीब 20 साल पुरानी इमारत : शुरुआती जांच में सामने आया कि करीब 60 गज के प्लॉट पर ग्राउंड फ्लोर के अलावा ऊपर तीन फ्लोर और बने थे। करीब 20 साल पहले इमारत का ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर नियमों को ताक पर रखकर बनाया गया था। इसके बाद वर्ष 2021 में मकान के दूसरे और तीसरे फ्लोर का निर्माण कराया गया था।
किराये पर रह रहे थे दो परिवार : जिस इमारत में हादसा हुआ, उसमें मकान मालिक हाजी तहसीन, उनके तीन बेटे परिवार समेत रहते थे। तीसरी मंजिल पर दो किरायेदार भी परिवार के साथ रह रहे थे।
इमारत में निर्माण कार्य चल रहा था: पिछले कुछ दिनों से ग्राउंड फ्लोर पर बनी दो दुकानों में निर्माण कार्य शुरू किया गया था और दो दुकानों के बीच के पार्टिशन को हटाकर उसे एक दुकान में बदला जा रहा था। गली में मौजूद नाली का पानी भी इमारत की नींव में रिस रहा था। आशंका जताई जा रही है कि पार्टिशन के चलते दुकान के अंदर का सपोर्ट हटाने और पानी रिसने के चलते इमारत गिरी है। मालूम हो कि बीते वर्ष दिल्ली नगर निगम ने मॉनसून से पहले 29 लाख से अधिक इमारतों का सर्वे किया था। इसमें सिर्फ चार इमारतें ही खतरनाक श्रेणी में पाई गईं।
एक ही परिवार के 8 लोगों की मौत से मचा कोहराम
इस दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के 8 लोगों की मौत होने से पूरे इलाके में कोहराम मच गया। बागपत के सिंगोली गांव निवासी जमील ने बताया कि 25 वर्षीय बेटी शाहीना की 8 साल पहले नाजिम के साथ शादी हुई थी। हादसे के बाद परिवार के 8 लोगों को जीटीबी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया। नाजिम और शाहीना पूरे परिवार सहित चार मंजिला इमारत में फर्स्ट और सेकेंड फ्लोर पर रहते थे।
हादसे से कुछ देर पहले महसूस हुआ था झटका
स्थानीय लोगों का दावा है कि इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर निर्माण कार्य के दौरान शुक्रवार रात करीब 11 बजे अचानक मकान के आसपास झटका महसूस हुआ था। लोगों को भूकंप जैसा महसूस हुआ, लेकिन फिर सब सामान्य हो गया। झटके के कुछ घंटों बाद ही पूरी इमारत भरभराकर गिर गई। पड़ोसी सोहराब ने बताया कि रात 11 बजे उनके बेटे ने बिल्डिंग में रहने वाले लोगों से इसका जिक्र भी किया था, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।