आप टेस्ट नहीं कराएंगे तो वो आपको क्यों खेलने देंगे; HC ने रेसलर बजरंग पूनिया से ऐसा क्यों कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने रेसलर बजरंग पूनिया की याचिका पर शनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) से जवाब मांगा है। पहलवान ने याचिका में अपने निलंबन को चुनौती दी है। उनका कहना है कि विश्व चैम्पियनशिप नजदीक है। मुझे प्रैक्टिस करनी है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को पहलवान बजरंग पूनिया की उस याचिका पर नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) से जवाब मांगा है जिसमें उन्होंने अपने निलंबन को चुनौती दी है। जस्टिस संजीव नरूला ने एजेंसी को इस याचिका पर नोटिस जारी किया है जो अक्टूबर में अल्बानिया में होने वाली सीनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप से पहले दायर की गई है। रेसलर की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील ने जब अंतरिम राहत के लिए कोर्ट पर दबाव डाला तो जस्टिस ने टिप्पणी की कि इसके लिए कोई औपचारिक एप्लीकेशन दायर नहीं की गई है।
वरिष्ठ वकील राजीव दत्ता ने कहा, 'यह किसी को परेशान करने का एक क्लासिक मामला है...विश्व चैम्पियनशिप नजदीक है। मुझे प्रैक्टिस करनी है।' हालांकि, अदालत ने पूनिया से टेस्टिंग के लिए सैंपल जमा करने से इनकार करने पर सवाल किया और पूछा, 'यदि आप टेस्ट नहीं कराएंगे तो वे आपको खेलने क्यों देंगे।' इसपर पूनिया के वकील ने जोर देकर कहा कि 'पुरानी किट' के उपयोग को लेकर कुछ इश्यू थे और उन्होंने अधिकारियों से इसका जवाब मांगा है।
नाडा के वकील ने कहा कि एक अनुशासनात्मक पैनल गठित किया गया है, जो इस मुद्दे पर विचार कर रहा है, और पूनिया को 'टारगेट' नहीं किया जा रहा है। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि पूनिया को पैनल के समक्ष अपनी शिकायतें रखनी चाहिए और मामले को अक्टूबर में आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। बता दें कि 21 जून को, नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी ने पूनिया को दूसरी बार निलंबित कर दिया और औपचारिक 'नोटिस ऑफ चार्ज' जारी किया, जिससे वह ट्रेनिंग और कॉम्पीटिशन में हिस्सा लेने के लिए अयोग्य हो गए।
यह कदम एंटी-डिसिप्लीनेरी डोपिंग पैनल (ADDP) द्वारा पिछले निलंबन को इस आधार पर रद्द करने के तीन हफ्ते बाद उठाया गया है कि नाडा ने पहलवान को 'नोटिस ऑफ चार्ज' जारी नहीं किया था। नाडा ने पहली बार 23 अप्रैल को पूनिया को निलंबित किया था, क्योंकि उन्होंने 10 मार्च को सोनीपत में आयोजित सेलेक्शन ट्रायल के दौरान डोप टेस्ट के लिए अपने यूरिन का सैंपल देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद खेल की वैश्विक संस्था, यूनाइटेड रेसलिंग वर्ल्ड (UWW) ने भी उन्हें निलंबित कर दिया था।