JCB चलाकर जबरन कब्जा, गेहूं की फसल को उखाड़ा; हरियाणा के पूर्व गृहसचिव सहित SHO-पुलिसकर्मी पर केस
गुरुग्राम के गांव बहलपा में जमीन पर कब्जा करने और गेहूं की फसल नष्ट करने के मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने हरियाणा के पूर्व गृह सचिव, एक एजेंट और भोंडसी थाने के तत्कालीन एसएचओ समेत अन्य पुलिसकर्मी पर मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
गुरुग्राम के गांव बहलपा में जमीन पर कब्जा करने और गेहूं की फसल नष्ट करने के मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने हरियाणा के पूर्व गृह सचिव, एक एजेंट और भोंडसी थाने के तत्कालीन एसएचओ समेत अन्य पुलिसकर्मी पर मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। अदालत के निर्देश मिलने पर पुलिस ने भोंडसी थाने में केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
गांव खेड़ला निवासी राजेंद्र सिंह ने दी शिकायत में बताया कि पास के गांव बहलपा में शामलात की कृषि भूमि है। उसका बंटवारा अब तक नहीं हुआ है, यह पुश्तैनी जमीन है। इसमें से कुछ हिस्सा हरियाणा सरकार में पूर्व में गृह सचिव श्याम सुंदर प्रसाद ने भी लिया हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व गृह सचिव ने अपने पद का गलत उपयोग करते हुए पांच जनवरी 2019 को जमीन में बिना बंटवारा कराए ही जेसीबी चलाते हुए जबरन कब्जा कर लिया। जमीन पर लगी उनकी गेहूं की फसल को भी नष्ट कर दिया गया।
राजेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की, क्योंकि उन्होंने और उनके परिवार ने उनकी जमीन पर जेसीबी की कार्रवाई को रोकने की कोशिश की थी। एफआईआर में बदल चुकी शिकायत में उन्होंने कहा, 'मुझे अदालत जाने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि स्थानीय पुलिस न्याय करने के बजाय नौकरशाह का पक्ष ले रही थी और उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी।'
मामले के जांचकर्ताओं ने कहा कि 40 साल के भूमि मालिक राजेंद्र सिंह की शिकायतों के बावजूद उस समय कोई प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज नहीं की गई। इस वजह से उन्हें 5 जनवरी, 2019 की घटना को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा, जिसके सात महीने बाद आईएएस अधिकारी सेवानिवृत्त हुए थे। 3 जनवरी 2025 को सोहना कोर्ट ने सेवानिवृत्त गृह सचिव, एक इंस्पेक्टर और एक सहायक पुलिस उपनिरीक्षक तथा एक निजी व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि बुधवार रात (8 जनवरी) को भोंडसी थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 427 (50 रुपये या उससे अधिक की राशि का नुकसान पहुंचाने वाली शरारत), 447 (आपराधिक अतिक्रमण) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई। शिकायतकर्ता किसान ने घटना की तस्वीरें और वीडियो भी पेश किए। इंस्पेक्टर उस समय भोंडसी पुलिस स्टेशन के एसएचओ पद पर थे।