गुरुग्राम में टोर ब्राउजर का इस्तेमाल कर होटल-स्कूलों को बम से उड़ाने की मिली थी धमकी
दिल्ली से सटे गुरुग्राम में दशहत मचाने के लिए स्कूल और होटल में बम होने की सूचना मेल से दी गई थी। मेल की जांच करने पर गुरुग्राम पुलिस के सामने आया कि यह मेल सिर्फ शहर में दशहत मचाने के लिए ही भेजी गई थी।
दिल्ली से सटे गुरुग्राम में दशहत मचाने के लिए स्कूल और होटल में बम होने की सूचना मेल से दी गई थी। मेल की जांच करने पर गुरुग्राम पुलिस के सामने आया कि यह मेल सिर्फ शहर में दशहत मचाने के लिए ही भेजी गई थी।
जिस दिन मेल भेजी गई थी कि उसी दिन नई ई-मेल आईडी बनाई गई थी। मेल भेजने के कुछ समय बाद ही ई-मेल आईडी को हटा भी दिया गया था। उसके बाद डार्क बेव में टोर ब्राउज़र का इस्तेमाल कर गुरुग्राम सहित दिल्ली एनसीआर में मेल भेजी गई थी। टोर ब्राउजर का इस्तेमाल होने के कारण गुरुग्राम पुलिस को मेल कहां से और कौन से देश से भेजी गई थी,उसकी सटीक लोकेशन नहीं मिल सकी।
अगस्त 2024 में दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर स्थित एंबियंस मॉल में बम होने और उड़ाने की धमकी ई-मेल से भेजी गई थी। ई-मेल मिलने के बाद गुरुग्राम पुलिस ने मॉल को खाली करवाने के बाद कई घंटों तक एंबियस मॉल में जांच की थी, लेकिन पुलिस टीम को कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला था। उसके बाद दोबारा से अगले दिन मॉल में बम की सूचना दी गई थी,लेकिन दोबारा कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला था। वहीं मई माह में गुरुग्राम के भी पांच स्कूलों में बम होने की ई-मेल भेजी गई थी। ई-मेल आने की जानकारी मिलने के बाद स्कूल प्रबंधनों ने दस बजे के बाद बच्चों को घर भेज दिया था। सूचना पर गुरुग्राम पुलिस ने बम निरोधक दस्ता के साथ स्कूलों में पहुंचकर जांच की थी। टोर ब्राउजर का इस्तेमाल होने से अभी तक मेल भेजने वालों की जानकारी नहीं मिल पाई है।
यह हाता है टोर ब्राउजर
साइबर एक्सपर्ट राज कुमार यादव ने बताया कि टोर ब्राउजर का इस्तेमाल कर मेल के माध्यम से मैसेज भेजने वाले की सही लोकेशन और आईपी पते की जानकारी नहीं मिल पाती है। टोर ब्राउजर कुछ ही देर में नई लोकेशन तैयार करता है, जिससे जांच करने वाली एजेंसी या पुलिस हर बार गुमराह करता है। इसका सबसे अधिक इस्तेमाल क्रिप्टोकरेंसी और बिटक्वाइन के लेन-देन के लिए भी होता है।
डीसीपी ईस्ट डॉ. मंयक अग्रवाल ने कहा, ''स्कूल और होटल में बम की मेल भेजने के लिए टोर ब्राउजर का इस्तेमाल हुआ था। मेल भेजने वालों की हर बार लोकेशन बदलती रहती है। अंकुश के लिए पुलिस टीमें काम कर रहीं हैं।''