गौतम गंभीर को दिल्ली HC से बड़ी राहत, धोखाधड़ी केस में पलटा फैसला
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने सेशन कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि मामले में एक विस्तृत आदेश दिया जाएगा।
क्रिकेट टीम के कोच गौतम गंभीर को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने गौतम गंभीर से जुड़े धोखाधड़ी के एक मामले में सेशन कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें मामले की नए सिरे से जांच के निर्देश दिए गए थे। सेशन कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उनको आरोपमुक्त करने के आदेश को खारिज कर दिया था और नरे सिरे से मामले की जांच के आदेश दिए थे। गौतम गंभीर ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने सेशन कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि मामले में एक विस्तृत आदेश पारित किया जाएगा। मामला रुद्र बिल्डवेल रियल्टी, एचआर इंफ्रासिटी और यूएम आर्किटेक्चर नाम की तीन कंपनियों और कॉन्ट्रैक्टर्स से जुड़ा है।
साल 2011 में इन सभी ने संयुक्त रूप से एक हाउसिंग प्रोजेक्ट 'सेरा बेला' का प्रचार और विज्ञापन किया था। गौतम गंभीर रुद्र बिल्डवेल रियल्टी कंपनी के अतिरिक्त निदेशक होने के साथ-साथ प्रोजेक्ट के ब्रांड एंबेसडर भी थे। इस प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने वालों ने देखा कि इसमें कोई काम आगे नहीं बढ़ रहा है और जमीन भी मुकदमेबाजी में फंस गई है तो उन्होंने सभी के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया।
साल 2020 में ट्रायल कोर्ट ने प्रथम दृष्टया पाया कि केस केवल तीन लोगों और दो कंपनियों के खिलाफ मामला है। ऐसे में बाकी सभी को बरी कर दिया गया जिसमें गौतम गंभीर भी शामिल थे। ट्रायल कोर्ट के इस फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती दी गई जिसमें सेशन कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के गौतम गंभीर के आरोपमुक्त आदेश को खारिज कर दिया।