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Hindi Newsएनसीआर न्यूज़गाज़ियाबादIndia s First Medical Device Development Center to Be Established at AIIMS Jhajjar Campus

स्वदेशी उपकरणों से होगी सर्जरी और इलाज

एम्स झज्जर परिसर में बनने जा रहा है देश का पहला चिकित्सा उपकरण विकास केंद्र। एम्स दिल्ली ने जापान की इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी के साथ करार किया है। भारत में 70% चिकित्सा उपकरण विदेशों से आयात होते...

Newswrap हिन्दुस्तान, गाज़ियाबादTue, 27 Aug 2024 02:50 PM
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एम्स के झज्जर परिसर में बनेगा देश का पहला चिकित्सा उपकरण विकास केंद्र देश के 70 फीसदी चिकित्सा उपकरण बाहर से होते हैं आयात

हेमवती नंदन राजौरा

नई दिल्ली। भारत में अब जल्द ही स्वदेशी चिकित्सा उपकरणों से इलाज किया जाएगा। एम्स के झज्जर स्थित परिसर में राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण केंद्र की स्थापना होने जा रही है। इस संबंध में एम्स दिल्ली ने जापान की इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी के साथ करार किया है। दरअसल, भारत में सर्जरी, जांच जैसी चिकित्सीय सेवाओं में इस्तेमाल होने वाले 70 फीसदी से अधिक उपकरण विकसित देशों से मंगवाने पड़ते हैं।

लगभग 10 साल पहले प्रधानमंत्री मोदी और जापान के दिवंगत एवं पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो अबे के बीच अक्टूबर 2014 में एक समझौता हुआ था। समझौते की तरह दोनों देश भारत में मेडिकल उपकरण विकसित करने पर काम करेंगे। इसी प्रक्रिया में अब एम्स के झज्जर परिसर में यह नया केंद्र खोलने का फैसला किया है।

एम्स के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर हेमंग कुमार ने बताया कि झज्जर स्थित परिसर में देश का पहला राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण केंद्र बनाया जाएगा। इसके लिए तीन से पांच एकड़ जमीन भी चिह्नित कर ली गई है। इस केंद्र में एम्स के डॉक्टर, वैज्ञानिक और आईआईटी जैसे संस्थानों के प्रोफेसर चिकित्सा उपकरणों के प्रोटोटाइप विकसित करेंगे। इसके बाद सबसे पहले मृत शरीरों पर इनका परीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा जापान का ओसाका विश्वविद्यालय और जापानी इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी भी इसमें भारत की मदद करेगी। इस सिलसिले में जापानी प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को एम्स दिल्ली का दौरा कर डॉक्टरों से मुलाकात की।

सर्जरी के उपकरण सस्ते और आसानी से उपलब्ध होंगे :

एम्स के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर हेमांग कुमार के मुताबिक भारत अपने लगभग 70 फीसदी से अधिक चिकित्सा उपकरण विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से आयात करता है। यह काफी महंगे होते हैं। अब देश में ही ये उपकरण बनने शुरू होंगे तो इससे लोगों को काफी लाभ होगा। आमतौर पर सर्जरी के उपकरण, अल्ट्रासोनिक स्कैन, पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन (पीसीआर) तकनीक, मेडिकल इमेजिंग, कैंसर डायग्नोस्टिक्स आदि के लिए उच्च-स्तरीय उपकरण शामिल होते हैं।

इस संबंध में, भारत 5 देश अमेरिका, चीन, जर्मनी, नीदरलैंड और सिंगापुर पर बहुत अधिक निर्भर करता है। भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग संघ की रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर 2022 और अक्तूबर 2023 के बीच विदेशों से भेजे जाने वाले चिकित्सा उपकरणों पर भारत की निर्भरता काफी बढ़ गई है। इनका आयात 21 प्रतिशत बढ़कर 61,262.84 करोड़ रुपये हो गया है।

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