फूड कोर्ट में मोटे अनाज से बने व्यंजनों का भी ले रहे हैं स्वाद
फरीदाबाद में अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में प्रमोद ने मोटे अनाज से बने विभिन्न व्यंजन पेश किए। नाबार्ड और द लॉर्ड कृष्णा एजुकेशनल फाउंडेशन के सहयोग से लगाए गए स्टॉल पर बाजरा खिचड़ी, लस्सी, और आलू...
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फरीदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मोटे अनाज को भोजन में शामिल किए जाने के आह्वान के बाद लगातार इसका प्रचार प्रसार किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में रेवाड़ी से आए प्रमोद मोटे अनाज से बने कई प्रकार के व्यंजन लेकर पहुंचे हैं। यह स्टॉल नाबार्ड और गैर सरकारी संस्था द लॉर्ड कृष्णा एजुकेशनल फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से लगाया है। प्रमोद ने बताया कि उनके पास मिठ्ठी, नमकीन लस्सी, मिलेट्स पूड़ी व आलू छोले की सब्जी, बाजरा खिचड़ी, बाजरा कढ़ी, खाटे का साग है। खाटे का साग छाछ में बाजरे का आटा मिलाकर बनाया जाता है। इसमें हरे चने की पत्तियां भी डाली जाती है। इसके अलावा कई लोग पालक भी काटकर डालते हैं। इसमें पकौड़े भी डाल जा सकते हैं। वहीं राजमा छोला चावल और बाजरे का चूरमा देशी घी के साथ।
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मोटे अनाज का यह है लाभ
प्रमोद ने बताया मोटे अनाज में अधिक मात्रा में फाइबर अधिक मात्रा में होता है। यह भोजन को पचाने में मदद करता है। इसके अलावा आयरन, विटामिन-बी, प्रोटीन होते हैं। इसके अलावा कैल्शियम भी अधिक मात्रा में होता है। इससे हड्डियां मजबूत होती हैं। इसके प्रचार प्रसार में लगे हैं। इसे प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में दिए जाने वाले मिडडे मील में भी दिया जाने लगा है। इसके अलावा रागी के लड्डे, नमकीन, बाजरे की मटर (नमक पारे), बाजरे के देशी घी के लड्डू आदि भी उपलब्ध है। प्रमोद ने बताया कि दो वर्षों से मोटे अनाज के प्रति रुझान बढ़ा है। अब कई जगहों पर रागी, ग्वार, बाजरा के बिस्किट भी बनने लगे हैं। यह बिस्किट मैदा की तुलना में काफी स्वादिष्ट होते हैं।
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