बांस के मुरब्बे और अचार का जायका ले रहे पर्यटक
फरीदाबाद के सरस मेले में लोगों का रुझान कम होने से व्यापारी मायूस हैं। रोहतक के राहुल बांस के मुरब्बे के लाभ बता रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके मुरब्बे गर्मियों में शरीर को ठंडा रखते हैं और कई...
फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। सेक्टर-12 स्थित एचएसवीपी मैदान पर चल रहे सरस मेले में जिलेवासियों का रुझान कम होने से अपने उत्पाद लेकर पहुंचे लोगों को काफी मायूसी है। वहीं, दूसरी ओर से रोहतक के गांव लखन माजरा से आए राहुल बांस के मुरब्बे के लाभ बता रहे हैं। राहुल अपने साथ बांस के अलावा कई तरह के मुरब्बे लेकर पहुंचे हैं, जिनके बारे में लोगों ने आजतक नहीं सुना होगा। वह बेल गिरी का मुरब्बा भी लेकर आए हैं, जोकि गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने का काम करता है।
राहुल बताते हैं कि उन्होंने दो वर्ष पूर्व मुरब्बों और अचार बनाने का काम शुरू किया था। शुरुआत में काफी परेशानी हुई थी, लेकिन ज्योति स्वयं सहायता समूह का मिलने के बाद इनका काम चल निकला है। अब हरियाणा के अलावा राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों से ऑर्डर मिलते हैं। इन ऑर्डर को पूरा करने के लिए जींद के उचाना गांव में एक फैक्टरी भी लगाई हुई है। इसमें 25 से 27 लोग काम करते हैं। मुरब्बों के अलावा कई तरह के अचार लेकर भी आए हैं। इसमें लहसुन, मेथी, मिर्च, कैरी सहित कई तरह के अचार हैं। स्मार्ट सिटी के लोगों को बांस के मुरब्बे के अलावा लहसुन, अदरक, लाल मिर्च, नींबू और काली मिर्च से तैयार की गई पंचमेल चटनी भी अपनी ओर खींच रही है।
बांस के मुरब्बे के लाभ
राहुल ने बताया कि मुरब्बा कच्चे बांस का तैयार किया जाता है और ओडिशा के बांस आते हैं। इसका मुरब्बा कई वर्षों तक खराब नहीं होता है। मुरब्बे को कांच के जार या मरतबान में रखना चाहिए। स्टील या अन्य धातु के बर्तन में रखने से वह खराब हो जाता है और शरीर को भी नुकसान पहुंचाता है। यह हड्डियों को मजबूत करता है। इसके अलावा मुरब्बा नियमित रूप से खाने से आपके मुंह में मौजूद फंगस और संक्रमण की परेशानियों को दूर किया जा सकता है। बांस के मुरब्बे से बच्चों की लंबाई भी बढ़ती है। पाचन संबंधी परेशानियों को दूर किया जा सकता है। वहीं, इससे रक्त को साफ किया जा सकता है। खासतौर पर इसके सेवन से शरीर में बढ़ते कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम की जा सकती है। ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए बांस के मुरब्बा का सेवन किया जाता है। यह डायबिटीज रोगियों के लिए काफी अच्छा होता है। इसमें कार्ब्स की मात्रा कम होती है।
अचार भी लाए हैं साथ
राहुल सरस मेले में बांस के मुरब्बे के अलावा आंवला, बेल गिरी, गाजर, सेब, कोड़तुम्बा का मुरब्बा लाए हैं। इसके अलावा उनके पास करौंदे का अचार, अंवाले के लड्डू सहित कई तरह के उत्पाद उपलब्ध है। इन्हें प्राकृतिक तरीके से तैयार किया गया है। इसके अलावा मुरब्बों में केवल देशी खांड का ही प्रयोग करते हैं।
रुझान कम होने से मायूस लोग
हरियाणा के अलावा राजस्थान, बिहार से अपने उत्पाद लेकर पहुंचे लोगों को काफी मायूसी हो रही है। स्मार्ट सिटी के लोग मेले में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। सुबह से शाम तक खाली बैठे रहते हैं। यहां पहुंचे कई लोगों का कहना है कि अभी तक एक रुपये की भी बिक्री नहीं हुई है। राहुल ने बताया कि जो सोचकर सरस मेले में आए थे, वैसा कुछ दिखा नहीं। पूरे दिन में एक हजार 1500 रुपये की ही बिक्री हो रही है। इसके अलावा इस मेले का मुख्य उद्देश्य नए संपर्क बनाकर अपने व्यापार को बढ़ाना है, लेकिन यहां पर बहुत ही संख्या में लोग आ रहे हैं। उनमें से भी खरीदारी बहुत ही कम लोग कर रहे हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।