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उन्नत जल प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन केंद्र ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने के लिए 20 जगह चिन्हित की

फरीदाबाद में उन्नत जल प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन केंद्र ने भूजल स्तर बढ़ाने के लिए 20 स्थानों पर रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने का निर्णय लिया है। पिछले वर्ष स्थापित सिस्टम ने सकारात्मक परिणाम...

Newswrap हिन्दुस्तान, फरीदाबादThu, 19 Sep 2024 04:31 PM
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फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। उन्नत जल प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन केंद्र द्वारा जिले में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के जरिये भूजल स्तर बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। इसे लेकर केंद्र ने जिले में 20 जगहें चिन्हित की हैं, जहां रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किए जा सकते हैं। यह वह स्थान हैं, जहां बारिश के दौरान जलभराव होता है। यह बात गुरुवार को मानव मानव रचना शिक्षण संस्थान में आयोजित कार्यशाला के दौरान मंच संचालन कर रहे डॉ.अरुणांगशु मुखर्जी ने बताई। कार्यशाला में विज्ञान एवं प्रौद्योगिक विभाग भारत सरकार की एसोसिएट प्रमुख डॉ. नीलिमा आलम विशिष्ट अतिथि थी। मानव रचना शिक्षण संस्थान के डीजी डॉ. एनसी वाधवा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यशाला में जल संचयन को लेकर पिछले वर्ष उन्नत जल प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन केंद्र द्वारा सेक्टर-16ए एवं 15ए में स्थापित किए गए रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर चर्चा की गई। नीलिमा आलम ने बताया कि विज्ञान एवं तकनीक के माध्यम से भूजल के स्तर को बढ़ाया जा सकता है। इस दौरान नगर निगम के मुख्य अभियंता बीके कर्दम और महानगर विकास प्राधिकरण के सलाहकार डॉ. ललित अरोड़ा भी उपस्थित रहे।

एक वर्ष में टीडीएस घटकर 1800 हुआ

डॉ. अरुणागंशु मुखर्जी ने बताया कि सेक्टर-16ए एवं 15ए में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को स्थापित किए एक वर्ष हो गया है और उसके सकारात्मक परिणाम आने लगे हैं। इसमें मानव रचना शिक्षण संस्थान का बहुत बड़ा योगदान रहा था। पीडब्ल्यूडी कॉलोनी और उसके आसपास के क्षेत्र में भूजल पानी का टीडीएस 3300 था और अब 1800 हो गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्षेत्र के भूजल का स्तर बढ़ा है। यहां अब आरओ सफलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं। इससे पहले आरओ बहुत जल्द खराब होते थे और पानी की मोटर भी दो से ढाई महीने में खराब होते थे। इसके अलावा जिले में 20 से अधिक जगहों चिन्हित किया है, जहां बारिश में जलभराव होता है। वहां रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कर जलभराव और घटते भूजल के स्तर की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

खराब हो चुके ट्यूबवेल को हैंड ओवर की मांग की

डॉ. अरुणांगशु ने नगर निगम के मुख्य अभियंता बीके कर्दम से सभी खराब हो चुके ट्यूबवेल को हैंडओवर करने की मांग की। उन्होंने बताया कि फरीदाबाद में 1200 से अधिक ट्यूबलवेल हैं। इनमें से कई किसी काम नहीं है। उनका प्रयोग रेन वाटर हार्वेस्टिंग के रूप में करेंगे। यह पानी को रिचार्ज करने का काम करेंगे।इस दौरान बीके कर्दम ने उन लोगों से अपील की जिनके घर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग हैं, वह नगर निगम द्वारा मान्यता प्राप्त एजेंसी से सफाई कराएं। दो वर्ष पूर्व एक एजेंसी को नियुक्त किया था। मात्र 50 लोगों ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की सफाई कराई थी। इसके अलावा नगर निगम जल्द ही 50 रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करवाएगा। इस दौरान एफएमडीए के सलाहकार डॉ. ललित अरोड़ा ने कहा कि नामामि गंगे प्रोजेक्ट की तर्ज पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग से योजनाओं को 15 वर्षों में संबंधित संस्था को हैंडओवर करना चाहिए।

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