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फरीदाबाद के इंजीनियर को 6 दिन घर में डिजिटल अरेस्ट रखा, लाखों रुपये भी ठगे; फिर हुआ ऐसा

साइबर जालसाजों ने फरीदाबाद के एक मैकेनिकल इंजीनियर को 6 दिन तक उसके ही घर में डिजिटल अरेस्ट करके रखा और इस बीच उनसे 3.46 लाख रुपये भी ठग लिए। पीड़ित के अनुसार, इस दौरान जालसाजों ने उसके मोबाइल फोन के कैमरे से उसकी गतिविधियों पर नजर रखते थे।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, फरीदाबाद। पीटीआईSat, 21 Dec 2024 01:40 PM
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साइबर जालसाजों ने फरीदाबाद के एक मैकेनिकल इंजीनियर को 6 दिन तक उसके ही घर में डिजिटल अरेस्ट करके रखा और इस बीच उनसे 3.46 लाख रुपये भी ठग लिए। पीड़ित के अनुसार, इस दौरान जालसाजों ने उसके मोबाइल फोन के कैमरे से उसकी गतिविधियों पर नजर रखते थे।

पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि बल्लभगढ़-तिगांव रोड स्थित एक फैक्ट्री में मैकेनिकल इंजीनियर मोहित ने दावा किया कि 6 दिसंबर की सुबह उसे एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को एक कूरियर कंपनी का कर्मचारी बताया और कहा कि उनके नाम पर एक पार्सल, जिसमें ड्रग्स, कुछ पासपोर्ट, एक लैपटॉप, 5,000 अमेरिकी डॉलर, बैंक दस्तावेज और अन्य सामान शामिल हैं, दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ा गया है।

साइबर सेल से होने का दिया हवाला

उन्होंने बताया कि जब पीड़ित ने इसमें किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया तो जालसाज ने उससे कहा कि पार्सल भेजने के लिए उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया है। इसके बाद आरोपी ने कॉल को अपने साथी को ट्रांसफर कर दिया, जिसने साइबर सेल से होने का दावा किया और मोहित से अदालत में गवाही देने के लिए कहा।

शिकायतकर्ता ने कहा, "आरोपी मुझे एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में ले गए, जिसमें कुछ लोग पहले से जुड़े थे जो दिल्ली पुलिस कर्मियों की तरह दिख रहे थे। उन्होंने मुझ पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया और मेरे बैंक स्टेटमेंट और अन्य जानकारियां मांगी।"

पुलिस ने कहा कि इसके बाद उन्होंने मोहित को तुरंत सेक्टर-55 में अपने घर पहुंचने और एक कमरे में अकेले रहने के लिए कहा। मोहित ने दावा किया, "मैं दिन-रात अपना मोबाइल फोन चालू करके कैमरा ऑन रखता था। आरोपियों ने मेरे बैंक से जुड़ी सारी जानकारी ले ली और कहा कि मेरा सारा पैसा आरबीआई के एक डमी खाते में चला जाएगा।"

माइक बंद करना भूल गए जालसाज

उन्होंने अपनी शिकायत में कहा, "12 दिसंबर को आरोपी एक दिन अपने माइक बंद करना भूल गए और एक-दूसरे से बात करने लगे। मुझे उनकी बातों पर शक हुआ और मैंने तुरंत कॉल काट दी और पुलिस के पास चला गया।"

एक वरिष्ठ साइबर पुलिस अधिकारी ने कहा कि एक एफआईआर दर्ज की गई है और वे मामले की जांच कर रहे हैं।

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