आतिशी को कमान सौंप, कौन सी सियासी पिच तैयार कर रहे केजरीवाल? क्या दिल्ली में जल्द बिछेगी चुनावी बिसात
- जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल ने कहा कि अब वो जनता की अदालत में अग्निपरीक्षा देंगे। इस बात को लेकर उनका सीधा इशारा है कि वे अब अपने मुद्दों को लेकर जनता के सामने जाना चाहते हैं।
दिल्ली की सियासत में बड़ा बदलाव करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) अरविंद केजरीवाल ने आतिशी मार्लेना को दिल्ली की कमान सौंप दी है। 15 सितंबर को अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान करते हुए केजरीवाल ने कहा कि जब तक उन्हें 'ईमानदारी का प्रमाणपत्र' नहीं मिलता तब तक वो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। ये ऐलान तब आया जब उन्हें सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में जमानत मिली थी। केजरीवाल ने ये भी इशारा किया कि वो दिल्ली में जल्द चुनाव कराना चाहते हैं ताकि जनता से सीधे समर्थन हासिल कर सकें।
केजरीवाल की अग्निपरीक्षा और जल्द चुनाव का सवाल
जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल ने कहा कि अब वो जनता की अदालत में अग्निपरीक्षा देंगे। उन्होंने समर्थकों से पूछा कि क्या उन्हें लगता है कि वो भ्रष्ट हैं अगर जनता का मानना है कि उन्होंने काम किया है तो उन्हें वोट दें। इस बयान के बाद राजनीतिक हलचल बढ़ गई क्योंकि केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा के कार्यकाल से पहले चुनाव कराने की बात कही है। हालांकि दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 में खत्म होता है और संवैधानिक रूप से चुनाव आयोग की मंजूरी के बिना वक्त से पहले चुनाव कराना मुमकिन नहीं है।
चुनावी मुद्दे और केजरीवाल का नैरेटिव
यदि केजरीवाल जनता के सामने जाते हैं तो वह इस बार का चुनावी नैरेटिव भी साफ ही रखेंगे। उन्होंने खुद को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का नायक बताया है और अपनी छवि को दोबारा जनता के सामने मजबूत करने की कोशिश की है। आप ने 'केजरीवाल ईमानदार है' का हैशटैग सोशल मीडिया पर चलाकर अपने चुनावी अभियान की शुरुआत कर दी है। वहीं बीजेपी ने केजरीवाल की ईमानदारी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि उन्हें कोर्ट से क्लीन चिट नहीं मिली बल्कि वो जमानत पर रिहा हुए हैं।
शिक्षा, बिजली और पानी फिर बनेंगे मुद्दे
आप सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान किए गए काम इस बार भी चुनाव का केंद्र रहेंगे। मनीष सिसोदिया की शिक्षा नीति को लेकर आप फिर से जनता के बीच जाएगी। इसके अलावा फ्री बिजली और पानी के मुद्दे भी पार्टी की प्राथमिकताओं में रहेंगे। 2020 के चुनाव में इन मुद्दों पर आप को भारी समर्थन मिला था और इस बार भी पार्टी इन्हीं मुद्दों पर ध्यान देगी।
केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई और सहानुभूति फैक्टर
आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेताओं अरविंद केजरीवाल मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पर लगे आरोपों को सहानुभूति में बदलने की कोशिश पार्टी की रणनीति का अहम हिस्सा है। जेल से रिहाई के बाद केजरीवाल ने अपनी छवि को बेहतर करने की कोशिश की है और इसे जनता के बीच सहानुभूति के तौर पर भुनाने की तैयारी में हैं।