Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Excise policy case Delhi HC to hear ED plea against Arvind Kejriwal bail on Mar 21

चुनाव सामने है, तलवार क्यों लटकी रहे? ED की याचिका पर केजरीवाल की ओर से क्या दलील

दिल्ली हाई कोर्ट ईडी की याचिका पर सुनवाई करेगा। ईडी ने शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को दी गई जमानत को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने इस पर सुनवाई के लिए तारीख तय कर दी है।

Subodh Kumar Mishra पीटीआई, नई दिल्लीFri, 17 Jan 2025 04:35 PM
share Share
Follow Us on

दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दी गई जमानत के खिलाफ ईडी की याचिका पर सुनवाई के लिए 21 मार्च की तारीख तय की। जस्टिस विकास महाजन ने ईडी के वकील के अनुरोध पर शुक्रवार की सुनवाई स्थगित कर दी।

वहीं, केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने स्थगन के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि ईडी ने पिछले कई महीनों में बार-बार तारीखें लीं। उन्होंने पूछा कि दिल्ली में चुनाव नजदीक है। ऐसे में उन पर यह तलवार क्यों लटकी होनी चाहिए? यदि सभी 15 आरोपियों को जमानत दे दी गई है, तो इसे उनके लिए लंबित क्यों रखा जाना चाहिए?

इस पर ईडी के वकील ने कहा कि स्थगन के कारण केजरीवाल पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा, क्योंकि वह पहले से ही मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत पर हैं। जस्टिस महाजन ने कहा, "मैं इसे सुनवाई के लिए रखूंगा। उनके प्रति कोई पूर्वाग्रह नहीं है। 21 मार्च को सुनवाई होगी।"

बता दें कि 12 जुलाई 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी थी। जबकि, मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तारी की जरूरत पर तीन सवालों को एक बड़ी पीठ के पास भेजा था। पिछले साल 20 जून को केजरीवाल को एक ट्रायल कोर्ट ने 1 लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी, जिस पर बाद में ईडी की याचिका पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी। पूर्व सीएम को मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों में 21 मार्च 2024 को ईडी और 26 जून 2024 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।

ये भी पढ़ें:अरविंद केजरीवाल से बहुत कम है मनीष सिसोदिया की संपत्ति
ये भी पढ़ें:बस किराया माफ, दिल्ली मेट्रो में हाफ; चुनाव से पहले केजरीवाल का बड़ा वादा

दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा शराब नीति के निर्माण और कार्यान्वयन से जुड़ी कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच के आदेश के बाद इसे रद्द कर दिया गया था। सीबीआई और ईडी के अनुसार, शराब नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को फायदा पहुंचाया गया।

अगला लेखऐप पर पढ़ें