द्वारका एक्सप्रेसवे की सर्विस रोड का काम जल्द होगा शुरू, सोसाइटियों से गांवों तक मिलेगा फायदा
गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेसवे पर सेंट्रल पेरिफेरल रोड हिस्से में करीब 1.750 किलोमीटर लंबी सर्विस रोड का निर्माण दिसंबर से शुरू होने की उम्मीद है। इसके बनने के बाद आसपास लगती रिहायशी सोसाइटियों, कॉलोनियों और गांव के करीब चार हजार परिवारों को राहत मिलने की उम्मीद है।
गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway) पर सीपीआर (सेंट्रल पेरिफेरल रोड) हिस्से में करीब 1.750 किलोमीटर लंबी सर्विस रोड का निर्माण दिसंबर से शुरू होने की उम्मीद है। इसके बनने के बाद आसपास लगती रिहायशी सोसाइटी, कॉलोनी और गांव के करीब चार हजार परिवारों को राहत मिलने की उम्मीद है। एक बिल्डर की तरफ से इसका निर्माण किया जाएगा। इस बिल्डर की रिहायशी सोसाइटी इस एक्सप्रेसवे पर है। निर्माण में आने वाले खर्च का वहन यह बिल्डर करेगा। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) ने शर्तों के साथ इस बिल्डर को सर्विस रोड का निर्माण करने की मंजूरी प्रदान की है। जीएमडीए के पास एक बिल्डर का प्रस्ताव आया था।
इसमें जीएमडीए से आग्रह किया था कि सीपीआर के साथ-साथ सर्विस रोड यह बिल्डर अपने खर्चे पर बनाने को तैयार है। जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में गठित छह सदस्यीय समिति में इस प्रस्ताव को रखा गया। समिति सदस्यों ने रिपोर्ट दी कि करीब 18.9 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेसवे में से 15 किलोमीटर हिस्से में सर्विस रोड के निर्माण का ठेका एक कंपनी को सौंपा हुआ है, जिसका काम चल रहा है।
इस एक्सप्रेसवे के करीब 3.9 किलोमीटर लंबे सीपीआर हिस्से में 90 मीटर जमीन थी, जिसे एक्सप्रेसवे तैयार करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को सौंप दिया था। एनएचएआई ने इस जमीन पर द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण कर दिया है। अब सर्विस रोड के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध नहीं है। इस वजह से इसका निर्माण नहीं हो पा रहा था।
इस वजह से इसका कार्य शुरू नहीं हो पा रहा था
मौजूदा समय में जीएमडीए के पास 1.259 किलोमीटर में 7.5 मीटर जमीन उपलब्ध है। 511 मीटर में 10 मीटर से कम जमीन उपलब्ध है। 72 मीटर में बिल्कुल जमीन नहीं है। एनएचएआई से एनएचएआई अधिनियम के तहत सीपीआर के साथ-साथ जमीन अधिग्रहण का आग्रह किया था, जिसे लेकर एनएचएआई ने इनकार कर दिया है। उपलब्ध हिस्से में यदि सर्विस रोड का निर्माण होता है तो आसपास लगती रिहायशी सोसाइटी, कॉलोनी और गांव में रह रहे करीब चार हजार परिवारों को फायदा होगा। साथ ही साथ यदि सर्विस रोड का निर्माण बिल्डर की तरफ से किया जाता है तो जीएमडीए खजाने पर बोझ नहीं पड़ेगा। बिल्डर को सर्विस रोड के निर्माण की मंजूरी शर्तों के तहत जारी कर दी गई।
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