DTC Bus Strike in Delhi : DTC बसों की हड़ताल से दिल्ली हलकान, सरकार ने मांगों पर विचार को बनाई कमेटी
दिल्ली में डीटीसी बसों में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले ड्राइवर और कंडक्टरों की हड़ताल रंग लाती दिख रही है। डीटीसी के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों द्वारा 'समान वेतन-समान काम' और स्थायी नौकरी की गारंटी की मांग को लेकर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के बीच डीटीसी ने एक कमेटी बनाई है।
दिल्ली में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) बसों में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले ड्राइवर और कंडक्टरों की हड़ताल अब असर दिखाती दिख रही है। डीटीसी के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों द्वारा 'समान वेतन-समान काम' और स्थायी नौकरी की गारंटी की मांग को लेकर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के बीच डीटीसी ने एक कमेटी बनाई है। कमेटी ने सभी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स से अपना नया मांग पत्र प्रस्तुत करने की अपील की है।
डीटीसी के पत्र में कहा गया है, "आपसे अनुरोध है कि अनुबंध कर्मचारियों की मांग से संबंधित नवीनतम मांग पत्र समिति के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए इसे जल्द उपलब्ध कराएं।"
डीटीसी के कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों के नियमितीकरण और 'समान काम-समान वेतन' के मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रदर्शन में शामिल एक महिला कर्मचारी ने सोमवार को कहा था, "हमारी केवल एक ही मांग है - हमें डीटीसी के स्थायी कर्मचारी क्यों नहीं बनाया जा सकता? कर्मचारी यूनियन भी हमारे साथ है। हम क्लस्टर बसों के कर्मचारियों से भी सहयोग चाहते हैं।"
डीटीसी के एक अन्य संविदा कर्मचारी ने कहा, "हमारी मुख्य मांग समान काम के लिए समान वेतन और नौकरी की सुरक्षा है। एक स्थायी कर्मचारी को समान काम के लिए कहीं अधिक पैसे मिलते हैं। इतने कम वेतन में हम अपना गुजारा नहीं कर पा रहे हैं। सरकारी विभाग की ओर से अभी तक कोई भी व्यक्ति हमसे मिलने नहीं आया है।"
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने "भारत माता की जय" और "समान काम, समान वेतन" के नारे लगाए। उन्होंने "60 साल तक नौकरी की गारंटी देने" की भी मांग की।
डीटीसी बस हड़ताल से दिल्ली मेट्रो में बढ़ी यात्रियों की भीड़
पीटीआई के अनुसार, बता दें कि, डीटीसी बसों की हड़ताल के कारण सोमवार को दिल्ली के यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। हड़ताल के कारण हजारों दैनिक यात्री बसों के इंजतार में परेशान होते दिखे, जिससे कई लोगों को मेट्रो का सहारा लेना पड़ा। मेट्रो में अचानक यात्रियों की संख्या में वृद्धि होने से कई मेट्रो स्टेशनों पर भारी भीड़भाड़ हो गई और स्टेशनों पर लंबी-लंबी कतारों से लोगों को निराशा हुई।
डीटीसी कर्मचारियों की इस हड़ताल से वीकेंड में स्थिति तब और बिगड़ गई थी, जब सरोजिनी नगर में नवनिर्मित 'सखी बस डिपो' की सभी महिला कर्मचारियों ने समान वेतन और नौकरी की सुरक्षा की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। उनकी शिकायतों ने स्थायी और अनुबंधित कर्मचारियों के बीच वेतन में भारी असमानता को उजागर किया। पुरुष कर्मचारियों के शामिल होने से विरोध प्रदर्शन में तेजी आई और बेहतर काम करने की स्थिति और उचित व्यवहार की मांग को बल मिला।
डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने दावा किया कि "करीब 28,000 डीटीसी कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं, जिनमें से 100 प्रतिशत कंडक्टर और लगभग 80 प्रतिशत ड्राइवर अस्थायी रूप से काम पर रखे गए हैं। स्थायी कर्मचारियों के समान कार्य करने के बावजूद, उनका वेतन काफी कम है।
यात्रियों की भीड़ के चलते बस स्टॉप और मेट्रो स्टेशनों पर अफरा-तफरी के दृश्य देखे, सोशल मीडिया पर वायरल हुए कुछ वीडियो में परिवहन के लिए भीड़ भरी भीड़ दिखाई दे रही थी और बड़ी संख्या में बसें सड़कों पर खड़ी दिखाई दे रही थीं, जिससे दिल्ली की यातायात समस्याएं और बढ़ गई थीं।