दिल्ली में 1 अप्रैल से सड़कों पर नहीं चलेंगी DTC की 1932 CNG बसें, क्या है वजह
बसों में सफर करने वाले यात्रियों को अप्रैल महीने से दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की 1932 सीएनजी बसों की मियाद 31 मार्च को पूरी हो जाएगी और इन्हें सड़कों से हटा दिया जाएगा।

बसों में सफर करने वाले यात्रियों को अप्रैल महीने से दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की 1932 सीएनजी बसों की मियाद 31 मार्च को पूरी हो जाएगी और इन्हें सड़कों से हटा दिया जाएगा।
हालांकि, बसों की कमी को पूरा करने के लिए दिल्ली परिवहन निगम ने तैयारी शुरू कर दी है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में 2560 नई ई-बसें को अलग-अलग चरणों में सड़कों पर उतारा जाएगा।
31 मार्च को चलन से बाहर होने वाली ये बसें 15 साल पहले डीटीसी में शामिल हुई थीं। नियमों के अनुसार, 15 साल बाद इन्हें सड़कों पर नहीं चलाया जा सकेगा। इनमें से कुछ बसें ऐसी हैं, जो किलोमीटर पूरे कर चुकी हैं और खस्ताहाल हैं। बीते साल ही इन्हें सड़कों से हटाया जाना था, लेकिन विधानसभा चुनाव को देखते हुए पूर्व सरकार ने इन्हें एक्सटेंशन दे दिया था।
दो हजार ई-बसें चल रहीं : दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन जनवरी 2022 में शुरू हुआ था। अभी 1682 इलेक्ट्रिक बसें डीटीसी के बेड़े में चल रही हैं। वहीं, 300 से बसें प्राइवेट ऑपरेटर डिम्ट्स जरिये चला रहे हैं।
सात क्लस्टर डिपो का अनुबंध भी खत्म होगा
दिल्ली में चार क्लस्टर के सात डिपो में चल रहीं 997 बसें भी 15 अप्रैल के बाद सड़कों से हट सकती हैं। परिवहन विभाग का इन चार क्लस्टर के संचालन के लिए डिम्ट्स के साथ हुआ कॉन्ट्रैक्ट 15 अप्रैल को खत्म हो जाएगा। ये कॉन्ट्रैक्ट बीते साल जून में ही समाप्त हो गया था, लेकिन तत्कालीन सरकार ने डिम्ट्स के कॉन्ट्रैक्ट को नौ माह का विस्तार दे दिया था।