दिल्ली में कितने लोग बदलना चाहते हैं सरकार, C वोटर ने बताया जनता का मूड
दिल्ली के दिल में कौन? इस सवाल का जवाब महज 5 दिन बाद मिलने जा रहा है। 8 फरवरी को यह पता चल जाएगा कि अगले 5 साल तक जनता किसे सत्ता का स्वाद चखने का मौका देगी और किसे विपक्ष में बैठने का जनादेश।
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दिल्ली के दिल में कौन? इस सवाल का जवाब महज 5 दिन बाद मिलने जा रहा है। 8 फरवरी को यह पता चल जाएगा कि अगले 5 साल तक जनता किसे सत्ता का स्वाद चखने का मौका देगी और किसे विपक्ष में बैठने का जनादेश। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच नजदीकी मुकाबले की संभावना है तो कांग्रेस भी पूरा दमखम लगाकर लड़ाई को त्रिकोणीय बना रही है। इस बीच सी वोटर ने अपने ट्रैकर के जरिए दिल्ली की जनता का मूड भांपने की कोशिश की है।
सी वोटर ने दिल्ली के लोगों से पूछा कि क्या वे सरकार बदलना चाहते हैं? 1 फरवरी तक के ट्रैकर के हिसाब से इसके जवाब में 43.9 फीसदी लोगों ने कहा कि वह मौजूदा सरकार के कामकाज से नाराज हैं और इस बार बदलाव चाहते हैं। वहीं, 10.9 फीसदी लोगों का कहना है कि वे नाराज तो हैं लेकिन बदलना नहीं चाहते हैं। वहीं, 38.3 फीसदी लोगों का कहना है कि वे नाराज नहीं है और इसलिए बदलाव भी नहीं चाहते। बदलाव चाहने और ना चाहने वाले लोगों में कोई खास अंतर नहीं है।
वहीं, आम आदमी पार्टी के लिए चिंता बढ़ाने वाली बात यह हो सकती है कि सी वोटर के मौजूदा ट्रैकर के हिसाब से 38.3 फीसदी लोग ही उसके कामकाज से संतुष्ट दिखाई नहीं दे रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस की कोशिश है कि अंसतुष्ट लोगों को इस बार अपने पाले में किया जाए।
एक महीने में क्या आया अंतर
इससे पहले 6 जनवरी को जब एजेंसी ने ट्रैकर के नतीजे घोषित किए थे तो 46.2 फीसदी लोगों ने कहा था कि वे मौजूदाा सरकार से नाराज हैं और बदलाव चाहते हैं। वहीं, 2.7 फीसदी ने कहा था कि नाराज हैं, लेकिन एक मौका और देने के पक्ष में हैं। वहीं, 46.9 फीसदी ने कहा था कि वे नाराज नहीं है और बदलाव नहीं चाहते हैं। दिलचस्प यह है कि करीब एक महीने में नाराज और बदलाव चाहने वाले लोगों की संख्या में कुछ गिरावट आई है तो नाराज होते हुए भी बदलाव नहीं चाहने वालों में इजाफा हुआ है। वहीं बदलाव नहीं चाहने वाले लोगों में भी गिरावट आई है।