कस्टम अधिकारी बन महिला से 55 लाख ठगे, दिल्ली पुलिस ने इंटरनेशनल गिरोह का किया भंडाफोड़
Delhi Cyber Crime: दिल्ली पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी करने वाले एक इंटरनेशनल गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मॉड्यूल में कथित संलिप्तता के लिए तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।
दिल्ली पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी (साइबर ठगी) करने वाले एक इंटरनेशनल गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि इन तीनों पर मुंबई एयरपोर्ट पर सीमा शुल्क विभाग का अधिकारी बनकर एक महिला से 55 लाख रुपये ठगने का आरोप है। आरोपियों की पहचान बुराड़ी निवासी प्रभात कुमार शाह (24), राजेश कुमार (27) और अर्जुन सिंह (29) के रूप में हुई है।
पुलिस उपायुक्त हेमंत तिवारी ने कहा- हमने एक इंटरनेशनल गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो डिजिटल अरेस्ट के जरिए ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहा था। महिला ने 12 सितंबर को इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (स्पेशल सेल) में शिकायत दर्ज कराई थी कि नौ सितंबर की सुबह उसे किसी व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को मुंबई एयरपोर्ट के सीमा शुल्क विभाग कार्यालय का अधिकारी बताया था।
अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने महिला से उसकी पहचान की पुष्टि करने के लिए कहा। फोन करने वाले ने उसे बताया कि सीमा शुल्क अधिकारियों ने छह सितंबर को एक पार्सल रोका था, जिसमें 16 फर्जी पासपोर्ट, 58 एटीएम कार्ड और 40 ग्राम एमडीएमए (मादक पदार्थ) था। आरोपियों ने महिला को धमकी दी कि मुंबई पुलिस ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है और उसे सरेंडर करना होगा।
पुलिस ने कहा कि अलग-अलग व्यक्तियों ने खुद को मुंबई पुलिस, सीबीआई और विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी बताते हुए, मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से बचने के लिए महिला के खातों को सत्यापित करने के बहाने रुपये ट्रांसफर करने के लिए दबाव डाला। जालसाजों ने महिला को धमकी दी कि सीबीआई भी मामले की जांच कर रही है और उसे गिरफ्तार किया जा सकता है।
साइबर जालसाजों महिला से डिटेल लेकर डिजिटल अरेस्ट के जरिए उससे 55 लाख रुपये की ठगी कर ली। बता दें कि डिजिटल अरेस्ट ठगों की ऐसी रणनीति है, जिसमें वे खुद को सीबीआई या सीमा शुल्क जैसी कानून प्रवर्तन एजेंसियों का अधिकारी बताते हैं और फर्जी अंतरराष्ट्रीय पार्सल के नाम पर वीडियो कॉल करके लोगों को गिरफ्तारी की धमकी देते हैं।
पुलिस ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद बीएनएस और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की और आरोपियों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके पास से तीन मोबाइल फोन, सिम कार्ड, पासबुक, चेकबुक, दस्तावेज, दो पैन कार्ड और फर्जी कंपनियों से संबंधित स्टांप और सील जब्त किए हैं। इस मामले की विस्तृत जांच जारी है।